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अंबाला की सिमरप्रीत कौर ने 11वीं कॉमनवेल्थ कराटे चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया

Haryana Sports


अंबाला: हरियाणा के खिलाड़ी, चाहे वह लड़कियां हों या लड़के, देश के लिए गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतकर भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रहे हैं।

हाल ही में, दक्षिण अफ्रीका के डरबन में आयोजित 11वीं कॉमनवेल्थ कराटे चैंपियनशिप में हरियाणा के अंबाला जिले के मुलाना क्षेत्र की सिमरप्रीत कौर ने कराटे में कांस्य पदक हासिल कर देश का मान बढ़ाया। यह प्रतियोगिता 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक आयोजित की गई थी, जिसमें 19 देशों के सैकड़ों खिलाड़ियों ने भाग लिया।

अंडर-50 किलोग्राम वर्ग में शानदार प्रदर्शन

सिमरप्रीत ने इस चैंपियनशिप के अंडर-50 किलोग्राम वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों को हराया और कांस्य पदक पर कब्जा किया। उनकी इस जीत ने न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश को गर्व महसूस कराया।

गांव में हुआ भव्य स्वागत

सिमरप्रीत की इस सफलता पर उनके गांव, गोली की गुरुद्वारा सभा द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया। यह स्वागत इस बात का प्रतीक है कि ग्रामीण क्षेत्र की बेटियां भी खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती हैं। उनका यह सफलता, ग्रामीण इलाकों में रहने वाली अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है।

सफलता का श्रेय कोच और परिवार को

सिमरप्रीत ने अपनी सफलता का श्रेय अपने कोच विकास बलवाल और अपने परिवार को दिया। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि कोच विकास बलवाल ने उन्हें कराटे में सही दिशा और मार्गदर्शन दिया, जिसके कारण वह इस मुकाम तक पहुंच पाईं। दिलचस्प बात यह है कि कोच विकास बलवाल ने भी 50 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक जीता और देश का नाम रोशन किया।

शिक्षा और प्रशिक्षण का सफर

सिमरप्रीत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अंबाला स्थित एम.एम. इंटरनेशनल स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने मुलाना स्थित यूनाइटेड मार्शल आर्ट एकेडमी में कराटे का प्रशिक्षण लिया। सिमरप्रीत ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से बी.ए. की डिग्री प्राप्त की और फिर लिजेंट कराटे क्लब पुंडरी में प्रशिक्षण लिया, जहां उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते।

भविष्य के लिए बड़े सपने

सिमरप्रीत ने अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में कहा कि वह ओलंपिक और अन्य बड़ी प्रतियोगिताओं में भाग लेकर देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने का सपना देखती हैं। उनका कहना है कि उनकी यह उपलब्धि अन्य युवाओं को खेलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगी और उन्हें यकीन होगा कि अगर मेहनत और समर्पण हो तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

सिमरप्रीत कौर की यह उपलब्धि न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है और यह साबित करती है कि अगर सही मार्गदर्शन और अवसर मिले तो भारत की लड़कियां भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल हो सकती हैं।

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