हरियाणा: सिरसा में धारा 163 लागू, किसानों के दिल्ली कूच के मद्देनजर कड़े आदेश जारी
Naya Haryana News: हरियाणा के सिरसा जिले में जिला प्रशासन ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 163 लागू कर दी है। यह कदम किसानों के 6 दिसंबर को प्रस्तावित दिल्ली कूच के मद्देनजर उठाया गया है। किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर इस दिल्ली कूच का आह्वान किया है।
जिलाधीश शांतनु शर्मा ने जिले में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए इन प्रतिबंधात्मक आदेशों को तुरंत प्रभाव से लागू किया है।
धारा 163 के तहत प्रतिबंधित गतिविधियाँ
जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, निम्नलिखित गतिविधियाँ प्रतिबंधित रहेंगी:
1. गैरकानूनी जमावड़ा और जुलूस पर रोक
- पाँच या उससे अधिक व्यक्तियों का किसी भी प्रकार का गैरकानूनी जमावड़ा।
- पैदल, वाहनों, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, या अन्य किसी माध्यम से जुलूस या प्रदर्शन निकालने पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा।
2. सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान
- सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वाले किसी भी प्रकार की गतिविधि पर रोक।
- कानून प्रवर्तन एजेंसियों से भिड़ने या सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने की किसी भी कोशिश को अपराध माना जाएगा।
3. हथियार और भड़काऊ सामग्री पर प्रतिबंध
- आग्नेयास्त्र, तलवार, लाठी, डंडे (झंडे के साथ लगे डंडे), भाला, फरसा, गंडासी, हॉकी, रॉड, और पत्थरों के टुकड़े जैसे वस्तुओं का उपयोग।
- विस्फोटक सामग्री या दहनशील वस्तुओं का उपयोग।
- ऐसे उपकरण या मशीनें (जैसे जेसीबी, हाइड्रा, अर्थमूवर) जो दंगों या उपद्रव में इस्तेमाल हो सकती हैं।
4. भड़काऊ संगीत और प्रचार पर रोक
- ट्रैक्टर-ट्रॉलियों या वाहनों पर डीजे और लाउडस्पीकर के माध्यम से भड़काऊ संगीत बजाना या उत्तेजक प्रचार करना प्रतिबंधित रहेगा।
विशेष छूट
इन प्रतिबंधों के बावजूद, कुछ विशेष परिस्थितियों में छूट दी गई है:
- ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल और सरकारी अधिकारी इन प्रतिबंधों के दायरे में नहीं आएंगे।
- दिव्यांग व्यक्तियों को लाठी रखने की अनुमति होगी, यदि उनकी चलने में यह सहायक है।
- सिख धर्म के अनुयायी अपनी धार्मिक परंपराओं के अनुसार कृपाण रखने के लिए स्वतंत्र रहेंगे।
उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
धारा 163 के तहत जारी आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 223 के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन का उद्देश्य
जिलाधीश शांतनु शर्मा ने स्पष्ट किया है कि यह कदम सिरसा जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उठाया गया है। जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि किसानों के प्रदर्शन से शांति व्यवस्था प्रभावित न हो और किसी भी प्रकार की हिंसा या संपत्ति को नुकसान न पहुंचे।
दिल्ली कूच के आह्वान के बीच सिरसा जिला प्रशासन का यह कदम, कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक एहतियाती उपाय है। किसानों को अपनी मांगों के प्रति जागरूक होने और प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सार्वजनिक शांति और सुरक्षा पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़े।