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किसान आंदोलन में अब होगी राकेश टिकैत की एंट्री, पंजाब-हरियाणा सीमा पर SKM नेताओं का जमावड़ा

Rakesh Tikait


शंभू बॉर्डर: सयुंक्त किसान मोर्चा (SKM) के वरिष्ठ नेता, जिन्होंने 2020-21 के दिल्ली किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था, शुक्रवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी और शंभु में ‘दिल्ली चलो’ मार्च के आंदोलनकारी किसानों से मुलाकात करेंगे। इसमें SKM (गैर-राजनीतिक) के जगजीत सिंह डल्लेवाल भी शामिल होंगे, जो किसानों की मांगों को लेकर 26 नवंबर से अनशन पर हैं।

खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल से मिलने के लिए 10-12 SKM के नेता दोपहर तक पहुंचेंगे। इनमें भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के अध्यक्ष राकेश टिकैत, BKU (लखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल, BKU डकौंदा के अध्यक्ष मंजीत सिंह धनेर और अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं।

मंजीत सिंह धनेर ने कहा कि 

“हमारे संघर्ष के रास्ते अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारी मांगें समान हैं। अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की बात सुनें और डल्लेवाल की जान बचाएं, जो शुक्रवार को अपने अनशन के 18वें दिन में प्रवेश कर चुके हैं”। 

डल्लेवाल के अनशन का घटनाक्रम

पहले, पंजाब पुलिस ने खनौरी बॉर्डर से प्रदर्शनकारियों को उस समय हटाया था, जब डल्लेवाल अनशन शुरू करने वाले थे। उन्हें लुधियाना के दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (DMCH) में जबरन भर्ती कराया गया। लेकिन उन्होंने अस्पताल में ही अपना अनशन शुरू कर दिया। 29 नवंबर को, व्यापक किसान विरोध के बाद, उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई।

स्वास्थ्य बिगड़ने की स्थिति

डल्लेवाल के अनशन का असर उनके किडनी, लिवर और दिल पर दिखने लगा है। उनकी खून की जांच रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक उनका वजन 12 किलो से अधिक कम हो चुका है। NGO 5 रिवर्स हार्ट एसोसिएशन की एक डॉक्टरों की टीम पहले दिन से उनकी सेहत की निगरानी कर रही है। सरकारी डॉक्टरों ने भी गुरुवार को उनके ब्लड सैंपल लिए, और सरकारी रिपोर्ट्स NGO की रिपोर्ट्स से मेल खाती हैं।

BKU (लखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत को देखते हुए संगठन आपात बैठक बुलाने की योजना बना रहा है। SKM की राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक 24 दिसंबर को निर्धारित है।

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