तेजा खेड़ा पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को दी श्रद्धांजलि, बताया किसानों का मसीहा
सिरसा: हरियाणा के सिरसा जिले के तेजा खेड़ा गांव में सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि दी। पिछले सप्ताह 89 वर्ष की आयु में निधन हो चुके चौटाला को याद करते हुए उन्होंने चौटाला परिवार से मुलाकात कर संवेदनाएं व्यक्त की।
चौटाला परिवार से मुलाकात
राजनाथ सिंह तेजा खेड़ा गांव में चौटाला परिवार के फार्महाउस पहुंचे, जहां उन्होंने ओम प्रकाश चौटाला के बेटों से मुलाकात की।
- अभय सिंह चौटाला: इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के नेता।
- अजय सिंह चौटाला: जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के प्रमुख।
इसके साथ ही उन्होंने पूर्व हरियाणा मंत्री और ओपी चौटाला के छोटे भाई रंजीत सिंह चौटाला से भी मुलाकात की।
पांच बार मुख्यमंत्री रहे चौटाला
पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, जो पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के चार बेटों में सबसे बड़े थे, का निधन शुक्रवार को गुरुग्राम में हुआ। ओम प्रकाश चौटाला पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे।
राजनाथ सिंह ने उन्हें याद करते हुए कहा, "वे एक महान नेता (देवीलाल) के बेटे थे, लेकिन उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई।" रक्षा मंत्री ने चौटाला के किसानों के प्रति योगदान को भी सराहा और कहा, "उन्होंने न केवल हरियाणा की जनता की सेवा की, बल्कि किसानों के हित में जो कार्य किए, उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता।"
किसानों के नेता के रूप में पहचान
राजनाथ सिंह ने चौटाला को "एंटी-कांग्रेस फ्रंट" का ध्वजवाहक बताया। उन्होंने कहा कि चौटाला ने सर छोटूराम, चौधरी चरण सिंह और चौधरी देवीलाल द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण किया। ये सभी किसान समुदाय के मसीहा माने जाते हैं।
प्रमुख हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
शनिवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल सहित कई प्रमुख हस्तियां तेजा खेड़ा में अंतिम संस्कार में शामिल हुईं।
रविवार को केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, यारी इंटरनेशनल के चेयरमैन रणबीर सिंह लोहन और पंजाबी गायक मनकीरत औलख ने भी चौटाला परिवार से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
हरिद्वार में अस्थि विसर्जन
सोमवार को ओम प्रकाश चौटाला के पोते, करण और अर्जुन चौटाला, उनकी अस्थियां लेकर हरिद्वार पहुंचे, जहां उन्हें गंगा में विसर्जित किया गया।
चौटाला की रचनाएं जल्द होंगी प्रकाशित
ओम प्रकाश चौटाला के जीवन और राजनीतिक यात्रा को जनता के सामने लाने की योजना बनाई गई है। उन्होंने अपने अनुभवों को उर्दू में लिखी डायरी में दस्तावेज किया था, जिसे अब हिंदी में अनुवादित किया जा रहा है।
- उनकी आत्मकथा और यात्रा वृतांत "मेरी विदेश यात्रा", जिसमें उन्होंने 119 देशों की यात्राओं का वर्णन किया है, जल्द ही प्रकाशित होंगे।
31 दिसंबर को रसम पगड़ी कार्यक्रम
चौटाला की रसम पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा 31 दिसंबर को चौधरी देवीलाल स्टेडियम, चौटाला गांव में आयोजित की जाएगी।
ओम प्रकाश चौटाला के निधन से हरियाणा और देश ने एक ऐसा नेता खो दिया है, जिन्होंने किसानों और जनता के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनके योगदान और यादें उनकी लिखी रचनाओं और उनके द्वारा किए गए कार्यों में जीवित रहेंगी।