हरियाणा में सौर ऊर्जा और जल संरक्षण को बढ़ावा, पीएम-कुसुम योजना के तहत लगाए गए 1.37 लाख सोलर पंप
चंडीगढ़: प्रदेश सरकार डार्क जोन और गिरते भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म सिंचाई और सौर ऊर्जा को लगातार बढ़ावा दे रही है। पीएम-कुसुम योजना के तहत अब तक प्रदेश में 1.37 लाख सोलर पंप लगाए जा चुके हैं। इन सोलर ट्यूबवेलों के माध्यम से किसानों के बिजली खर्च में कमी आने के साथ-साथ जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिला है।
रेतीले क्षेत्रों में इन सोलर पंपों का सबसे ज्यादा उपयोग देखा गया है। खासतौर पर हिसार, सिरसा और जींद जिलों में इनकी संख्या सबसे अधिक है। दूसरी ओर, जीटी बेल्ट (धान उत्पादक क्षेत्र) में किसानों का रुझान अपेक्षाकृत कम है। अंबाला, पंचकूला और पानीपत जैसे जिलों में सोलर पंपों की संख्या 1,000 से भी कम है।
198 करोड़ रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत
केंद्र सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए हरियाणा को पीएम-कुसुम योजना के तहत 198 करोड़ रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत की है। पिछले तीन वर्षों में इस योजना के तहत हरियाणा को कुल राशि बढ़ाकर 429.78 करोड़ रुपये तक दी जा चुकी है। राज्य सरकार किसानों को सोलर पंपों पर 75% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। सरकार का मुख्य उद्देश्य डार्क जोन में सिंचाई को सौर ऊर्जा के माध्यम से टिकाऊ बनाना है।
जीटी बेल्ट में सोलर पंपों का रुझान क्यों कम?
हरियाणा के जीटी बेल्ट, जिसे धान उत्पादन के लिए जाना जाता है, में सोलर पंपों का उपयोग अपेक्षाकृत कम है। अंबाला, पंचकूला और पानीपत जैसे जिलों में इनकी संख्या 1,000 से भी कम है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- धान की अधिक पानी की जरूरत – धान की खेती के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है, जिसे सोलर पंपों से पूरा करना मुश्किल माना जाता है।
- परंपरागत खेती की आदतें – किसान पारंपरिक सिंचाई पद्धतियों पर अधिक निर्भर हैं और नई तकनीकों को अपनाने में हिचकिचाते हैं।
आगे का रोडमैप
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सौर ऊर्जा के माध्यम से हरियाणा को जल और ऊर्जा संरक्षण में आत्मनिर्भर बनाया जाए। रेतीले क्षेत्रों में इस योजना की सफलता को देखते हुए इसे अन्य जिलों में भी लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
जीटी बेल्ट के किसानों को जागरूक करने के लिए सरकार विशेष अभियान चला रही है। उन्हें सौर पंपों की उपयोगिता और फायदे के प्रति प्रेरित किया जा रहा है ताकि जल संरक्षण को बढ़ावा मिले और बिजली पर निर्भरता घटे।
योजना के तहत जिलावार सोलर पंपों का ब्योरा
जिला | सोलर पंपों की संख्या |
---|---|
हिसार | सर्वाधिक संख्या |
सिरसा | सर्वाधिक संख्या |
जींद | सर्वाधिक संख्या |
अंबाला | 1,000 से कम |
पंचकूला | 1,000 से कम |
पानीपत | 1,000 से कम |
पीएम-कुसुम योजना के तहत हरियाणा सरकार किसानों को सौर ऊर्जा के प्रति जागरूक कर रही है और सोलर पंपों के माध्यम से जल और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्प है। रेतीले क्षेत्रों में इस योजना की सफलता के बाद सरकार का ध्यान अब जीटी बेल्ट की ओर है, जहां किसानों को जागरूक कर सौर पंपों की उपयोगिता को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
"सरकार की यह पहल न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाएगी बल्कि जल संकट से निपटने में भी अहम भूमिका निभाएगी।"