कांग्रेस के लिए एक और बुरी ख़बर, अब यहां भी मिली हार, आम आदमी पार्टी के लिए आगे की राह मुश्किल
चंडीगढ़: पंजाब में नगर निगम चुनावों के नतीजों ने सभी दलों के लिए नई चुनौतियां पेश की हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) ने जहां पटियाला में शानदार जीत हासिल की है, वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिले संगरूर में हार का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर, कांग्रेस ने अमृतसर और फगवाड़ा में अपनी स्थिति मजबूत की है, जबकि लुधियाना में AAP बहुमत से चूक गई।
पटियाला में AAP का शानदार प्रदर्शन
पटियाला नगर निगम के 60 वार्डों में से AAP ने 43 वार्डों में जीत दर्ज कर बहुमत के लिए आवश्यक 31 के आंकड़े को बड़ी बढ़त के साथ पार कर लिया। कांग्रेस और बीजेपी ने 4-4 वार्डों में जीत हासिल की, जबकि अकाली दल (शिअद) को केवल 2 वार्ड मिले। पटियाला के सात वार्डों में चुनाव पहले ही स्थगित कर दिए गए थे।
संगरूर में AAP की हार
संगरूर, जो मुख्यमंत्री भगवंत मान, पंजाब AAP प्रमुख अमन अरोड़ा और वित्त मंत्री हरपाल चीमा का गृह जिला है, वहां नगर परिषद चुनावों में AAP को हार का सामना करना पड़ा। इस क्षेत्र में 10 वार्डों में स्वतंत्र प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। बरनाला विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद यह AAP की संगरूर में लगातार दूसरी हार है।
अमृतसर में कांग्रेस की बढ़त
अमृतसर नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने 85 में से 38 वार्ड जीतकर अपनी स्थिति मजबूत की। बीजेपी ने 10, AAP ने 24, शिअद ने 4 और अन्य ने 9 वार्डों में जीत दर्ज की। यह कांग्रेस के लिए राहतभरी जीत मानी जा रही है।
लुधियाना में AAP बहुमत से चूकी
लुधियाना नगर निगम के 95 वार्डों में AAP ने 41 वार्ड जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरते हुए भी बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई। कांग्रेस ने 30, बीजेपी ने 19 और शिअद ने 2 वार्डों में जीत हासिल की। तीन निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी जीत दर्ज की।
फगवाड़ा में कांग्रेस का प्रभाव
फगवाड़ा नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने 50 में से 22 वार्ड जीतकर अच्छा प्रदर्शन किया। AAP ने 12, बीजेपी ने 4, शिअद और बसपा ने 3-3 वार्डों में जीत दर्ज की, जबकि 6 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए।
इन नतीजों से स्पष्ट है कि पंजाब के नगर निगम चुनावों में सभी दलों को मिश्रित परिणाम मिले हैं। AAP ने पटियाला में बड़ा प्रदर्शन किया लेकिन संगरूर में हार झेलनी पड़ी। कांग्रेस ने अमृतसर और फगवाड़ा में अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि लुधियाना में AAP बहुमत से दूर रह गई। बीजेपी और अकाली दल के लिए ये नतीजे संतोषजनक नहीं कहे जा सकते।