अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का निधन: हरियाणा के कार्टरपुरी गांव से खास रिश्ता, जानिए कैसे पड़ा इस गांव का नाम?
नया हरियाणा: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे जिमी कार्टर ने 1977 से 1981 तक अमेरिका का नेतृत्व किया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारत का दौरा किया था और हरियाणा के दौलतपुर नसीराबाद गांव (अब कार्टरपुरी) का दौरा उनकी यात्रा का एक विशेष हिस्सा था।
दौलतपुर नसीराबाद जाने की इच्छा क्यों जताई?
जिमी कार्टर की इस यात्रा ने सभी को हैरान कर दिया था, जब उन्होंने हरियाणा के दौलतपुर नसीराबाद गांव जाने की इच्छा व्यक्त की। लोग सोचने लगे कि आखिरकार उन्हें इस गांव के बारे में कैसे पता चला।
दरअसल, जिमी कार्टर की मां, बेस्सी लिलियन कार्टर, एक नर्स थीं और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत आई थीं। उन्होंने अक्सर इस गांव का दौरा किया और यहां के जेलदार सरफराज की हवेली पर उनका आना-जाना था। इस दौरान वह गर्भवती थीं और उनके गर्भ में जिमी कार्टर थे।
गांव से खास जुड़ाव
अपनी मां के इस गांव से जुड़ाव के कारण जिमी कार्टर के दिल में दौलतपुर नसीराबाद बस गया। जब वह राष्ट्रपति के रूप में भारत आए, तो वह अपनी मां और पत्नी रोज़लिन कार्टर के साथ गांव पहुंचे। उनके आगमन से पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल बन गया।
कैसे पड़ा कार्टरपुरी नाम?
3 जनवरी 1978 को जिमी कार्टर दौलतपुर नसीराबाद पहुंचे। उनका कार्यक्रम मात्र आधे घंटे का था, लेकिन वह वहां करीब एक घंटे तक रुके। उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री ताऊ देवी लाल थे। उन्होंने गांव में पंचायत बुलाकर प्रस्ताव रखा कि गांव का नाम कार्टरपुरी रखा जाए। पंचायत ने सर्वसम्मति से इसे स्वीकार कर लिया और तब से गांव का नाम कार्टरपुरी पड़ गया।
जिमी कार्टर का यह दौरा गांव के लिए ऐतिहासिक था, जिसने भारत और अमेरिका के रिश्तों को भी नई दिशा दी। उनके निधन से हरियाणा के इस छोटे से गांव में भी शोक की लहर है।