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हरियाणा में खट्टर सरकार की लाई गई इस योजना से नाराज हुए लोग, लोग बोले-वापिस हो वरना होगा आंदोलन

Manohar Lal Khattar


Haryana News: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा में स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाने की योजना का ऐलान किया। इसके तहत सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के घरों में इन मीटरों को लगाया जाएगा और बाद में इसे आम उपभोक्ताओं के लिए लागू किया जाएगा। हालांकि, इस योजना को लेकर किसानों ने विरोध शुरू कर दिया है।

हिसार जिले में उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के एमडी ऑफिस का घेराव कर किसानों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। किसानों का कहना है कि यह योजना गरीब और मध्यम वर्ग के लिए कठिनाई खड़ी करेगी और केवल पूंजीपतियों को ही लाभ पहुंचाएगी।


स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर योजना: क्या है मुख्य बिंदु?

यह योजना रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत लागू की जा रही है। इसके अंतर्गत:

  • घरों के बाहर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।
  • उपभोक्ताओं को पहले बिजली रिचार्ज कराना होगा और तभी बिजली का उपयोग कर सकेंगे।
  • शुरुआत सरकारी कर्मचारियों से की जाएगी।
  • हरियाणा में लगभग पौने 3 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।

किसानों का विरोध: क्या हैं उनकी आपत्तियां?

1. एडवांस रिचार्ज सिस्टम

किसानों का कहना है कि स्मार्ट मीटर योजना में बिजली उपयोग करने से पहले एडवांस रिचार्ज करना होगा।

  • मोबाइल की तरह कूपन खरीदने और रिचार्ज करने का झंझट।
  • पैसे खत्म होते ही बिजली गुल हो जाएगी।
  • गरीब किसान और मजदूर अचानक आने वाले खर्चों का प्रबंधन नहीं कर पाएंगे।

2. सब्सिडी का मुद्दा

किसानों का आरोप है कि इस योजना में सरकार सब्सिडी के पैसे एडवांस में वसूलेगी

  • फिलहाल सरकार 25 पैसे प्रति यूनिट तक सब्सिडी देती है।
  • स्मार्ट मीटर में पहले उपभोक्ता को भुगतान करना होगा और बाद में सब्सिडी उनके खाते में आएगी।
  • यह प्रक्रिया किसानों के लिए वित्तीय बोझ बढ़ाने वाली है।

3. निजीकरण का खतरा

किसान सभा हरियाणा के स्टेट प्रेसिडेंट बलबीर सिंह ने कहा कि सरकार धीरे-धीरे बिजली व्यवस्था का निजीकरण कर रही है।

  • स्मार्ट मीटर योजना का मुख्य उद्देश्य निजीकरण को बढ़ावा देना है।
  • किसानों का कहना है कि वर्तमान मीटर पहले से ही मान्यता प्राप्त हैं, ऐसे में उन्हें बदलने की जरूरत नहीं है।
  • निजी कंपनियां इससे लाभान्वित होंगी, जबकि आम जनता पर इसका वित्तीय बोझ पड़ेगा।

4. छोटे किसानों की मुश्किलें

किसानों का कहना है कि:

  • तीन साल से किसानों के ट्यूबवेल कनेक्शन बकाया हैं।
  • स्मार्ट मीटर से किसानों और मजदूरों पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा।
  • पहले से जमा पैसे और वर्तमान मीटरों की स्थिति को ध्यान में रखे बिना योजना को लागू करना अनुचित है।

योजना से जुड़े आंकड़े

हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 70 लाख से अधिक है। इनमें:

  • उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) के उपभोक्ता: 32.84 लाख
  • दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के उपभोक्ता: 37.62 लाख

पहले चरण में सरकारी कर्मचारियों के घरों में प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे, और इसके बाद इसे आम जनता के लिए लागू किया जाएगा।


किसान सभा की मांगें और प्रदर्शन

किसान सभा के नेता शमशेर सिंह लाडवा और बलबीर सिंह ने हिसार में DHBVN के एमडी ऑफिस का घेराव किया।

  • उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह योजना रद्द होनी चाहिए।
  • 20 दिसंबर को पंचकूला में बिजली निगम के अफसरों को ज्ञापन सौंपने का भी निर्णय लिया गया है।
  • किसानों का आरोप है कि इस योजना से गरीब और मध्यम वर्ग की समस्याएं बढ़ेंगी।

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