पंचायत और जिला परिषद में अविश्वास प्रस्ताव पर चुनाव आयोग सख्त, नए दिशा-निर्देश जारी
चंडीगढ़: हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत समितियों के चेयरमैन, वाइस चेयरमैन और जिला परिषदों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और गुप्त मतदान सुनिश्चित करने के लिए बैलट बॉक्स का उपयोग किया जाएगा।
प्रक्रिया की मुख्य बातें
1. अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस
- अविश्वास प्रस्ताव की सूचना संबंधित पंचायत समिति या जिला परिषद के किसी जनप्रतिनिधि द्वारा दी जाएगी।
- सूचना सभी सदस्यों को पंजीकृत डाक, वॉट्सऐप, पंजीकृत मोबाइल नंबर या व्यक्तिगत तौर पर दी जाएगी।
- संबंधित कार्यालयों के सूचना पट्ट पर इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
2. बैठक और समयसीमा
- सूचना जारी होने के 10 दिनों के भीतर बैठक बुलाई जाएगी।
- बैठक में गुप्त मतदान के लिए बैलट बॉक्स का उपयोग होगा।
3. वोटिंग प्रक्रिया
- मतदान से पहले रिटर्निंग और पीठासीन अधिकारी प्रक्रिया की जानकारी देंगे।
- हर सदस्य को गुप्त वोटिंग स्लिप दी जाएगी।
- मतदान के अगले दिन बैलट बॉक्स खोला जाएगा और गिनती की जाएगी।
4. अधिनियम और नियमावली
- पंचायत समितियों के चेयरमैन/वाइस चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 62 के तहत लाया जाएगा।
- जिला परिषदों के अध्यक्ष/उपाध्यक्षों के खिलाफ यह प्रक्रिया अधिनियम की धारा 123 के तहत की जाएगी।
5. रिपोर्टिंग और प्रचार
- मतदान प्रक्रिया पूरी होने की जानकारी उसी दिन हरियाणा राज्य चुनाव आयोग को भेजनी होगी।
- परिणाम संबंधित प्रचार समिति या जिला परिषद के सूचना पट्ट पर भी प्रदर्शित किया जाएगा।
पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर
हरियाणा राज्य चुनाव आयोग के इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य पंचायत और जिला परिषदों में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करना है। गुप्त मतदान सुनिश्चित करने और सभी संबंधित पक्षों को समय पर सूचना देने से यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रहेगी।