Haryana Weather Update: हरियाणा में शीतलहर का कहर लगातार सातवें दिन भी जारी है। ठंडी हवाओं और गिरते तापमान के कारण लोग भीषण सर्दी का सामना कर रहे हैं। हालांकि, दिन में धूप निकलने से ठंड में मामूली राहत महसूस हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, न्यूनतम तापमान में औसतन 0.6 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन यह अभी भी सामान्य से 2.6 डिग्री कम है। हिसार में सबसे कम 3.0 डिग्री सेल्सियस जबकि सोनीपत में 3.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया।
उत्तर-पश्चिमी हवाओं का असर
हरियाणा में पड़ रही इस कड़ाके की ठंड का मुख्य कारण उत्तर-पश्चिम दिशा से आ रही ठंडी और बर्फीली हवाएं हैं। इन हवाओं की वजह से खासकर हिसार में लगातार तीसरे दिन पारा सबसे कम रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए राज्य के 18 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि, दिन के समय धूप खिलने से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
इन जिलों में जारी हुआ शीतलहर का अलर्ट
मौसम विभाग ने चंडीगढ़ समेत 18 जिलों में कोल्ड वेव का यलो अलर्ट घोषित किया है। इन जिलों में शामिल हैं:
- चंडीगढ़
- पंचकूला
- अंबाला
- कुरुक्षेत्र
- कैथल
- करनाल
- सिरसा
- फतेहाबाद
- हिसार
- भिवानी
- रोहतक
- झज्जर
- चरखी दादरी
- महेंद्रगढ़
- रेवाड़ी
- गुरुग्राम
- फरीदाबाद
- नूंह (मेवात)
- पलवल
इन जिलों में ठंडी हवाओं की रफ्तार 10 से 11 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहने का अनुमान है। इसके अलावा, कुछ जगहों पर आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है।
प्रदूषण ने बढ़ाई मुश्किलें: बहादुरगढ़ में सबसे खराब हवा
ठंड के साथ हरियाणा में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है। रविवार सुबह बहादुरगढ़ का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 211 दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे खराब रहा। अन्य प्रमुख शहरों की स्थिति इस प्रकार है:
शहर | AQI स्तर |
---|---|
रोहतक | 185 |
गुरुग्राम | 177 |
हिसार | 175 |
यमुनानगर | 167 |
घरौंदा | 166 |
अंबाला | 163 |
कुरुक्षेत्र | 163 |
फरीदाबाद | 162 |
प्रदूषण और ठंडी हवा के इस संयोजन से सांस और हृदय से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
आने वाले दिनों का मौसम पूर्वानुमान
मौसम विशेषज्ञ चंद्रमोहन के अनुसार, पश्चिमी उत्तर से आ रही बर्फीली हवाएं ठंड बढ़ा रही हैं। हालांकि, 8-10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही हवाओं के कारण कोहरा और धुंध नहीं छा रहा है।
- 16 दिसंबर के बाद बदलाव के संकेत:
अगले कुछ दिनों तक ऐसा ही मौसम बने रहने की संभावना है। 16 दिसंबर के बाद तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। - दिन और रात के तापमान में गिरावट:
पहाड़ों से आ रही ठंडी हवाओं के कारण अगले सप्ताह भी ठंड का प्रकोप जारी रहेगा।
फसलों और पशुओं पर शीतलहर का असर
फसलों को बचाने के उपाय
शीतलहर और पाले का असर सरसों, आलू, सब्जियों की नर्सरी और छोटे फलदार पौधों पर अधिक पड़ता है। विशेषज्ञों ने किसानों के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:
सिंचाई करें:
सब्जियों और फलों के पौधों में सिंचाई करने से मिट्टी का तापमान बढ़ता है और पाले का असर कम होता है।धुआं करना:
हवा की दिशा में खेत के किनारे कचरा और सूखी घास जलाकर धुआं करें। यह तापमान को स्थिर रखने में मदद करेगा।पॉलीथिन से ढकें:
सब्जियों और फलों की नर्सरी को पॉलीथिन शीट या भूसे से ढककर रखें ताकि फसलों को ठंड से बचाया जा सके।
पशुओं की देखभाल के टिप्स
सर्दियों में पशुओं को ठंड से बचाना बेहद जरूरी है। पशु विशेषज्ञों ने सुझाव दिए हैं:
गुनगुना पानी पिलाएं:
ठंड के मौसम में पशु कम पानी पीते हैं, जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है। उन्हें गुनगुना पानी देना चाहिए।ऊर्जा युक्त आहार:
पशुओं को सामान्य से 0.8 प्रतिशत अधिक ऊर्जा से भरपूर आहार दें। इसमें हरे और सूखे चारे का 17 प्रतिशत फाइबर शामिल करें।बाड़े को गर्म रखें:
पशु बाड़े को सूखा और गर्म रखें। रात के समय ठंडी हवाओं से बचाने के लिए बाड़े को ढकें।
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