साल 2025: हरियाणा में कैसा रहेगा पूरे साल का मौसम? 10 फीसदी बारिश ज्यादा होने का अनुमान, इन जिलों में पड़ सकता है सूखा

Weather Alert 2025


Weather Alert 2025: हरियाणा, जो अपनी समृद्ध कृषि और विविध जलवायु के लिए जाना जाता है, साल 2025 में कई मौसमी बदलावों का गवाह बनेगा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने साल 2025 के लिए जो पूर्वानुमान जारी किया है, उसमें हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में मौसम का व्यापक प्रभाव देखा जाएगा। सर्दी, गर्मी, मानसून, और शरद ऋतु हरियाणा की फसल, जनजीवन, और पर्यावरण को किस तरह प्रभावित करेंगे, आइए पूरे साल का विस्तृत विवरण जानते हैं।


सर्दी का मौसम (जनवरी-फरवरी)

साल 2025 की शुरुआत ठिठुरती ठंड से होगी।

  • उत्तर हरियाणा: पंचकूला, यमुनानगर, और अंबाला जैसे जिलों में शीतलहर और कोहरे का प्रभाव ज्यादा रहेगा। तापमान न्यूनतम 3°C तक गिर सकता है। सुबह और रात के समय कोहरा इतना घना होगा कि विजिबिलिटी 50 मीटर तक सीमित हो सकती है।
  • मध्य हरियाणा: कुरुक्षेत्र, करनाल, और कैथल जैसे जिलों में भीषण ठंड और सर्द हवाएं चलेंगी। रात के समय तापमान 5°C के आसपास रहेगा।
  • दक्षिण हरियाणा: गुरुग्राम, फरीदाबाद, और रेवाड़ी में अपेक्षाकृत कम ठंड महसूस होगी। तापमान न्यूनतम 8-10°C तक रहेगा।

बसंत ऋतु (मार्च-अप्रैल)

मार्च और अप्रैल के महीनों में हरियाणा में मौसम का मिजाज बदलने लगेगा।

  • हल्की गर्मी की शुरुआत: मार्च के अंत तक सर्द हवाएं थम जाएंगी और दिन का तापमान 25°C तक पहुंचने लगेगा।
  • खेतों की हरियाली: बसंत ऋतु के दौरान हरियाणा के खेतों में सरसों और गेहूं की फसल लहलहाएगी। किसान कटाई की तैयारियों में जुट जाएंगे।
  • कोहरा कम: कोहरे का असर समाप्त हो जाएगा, और दिन के समय सूरज निकलने लगेगा।

गर्मी का मौसम (मई-जून)

हरियाणा में मई और जून के महीने सबसे गर्म होते हैं।

  • लू का प्रकोप: हिसार, भिवानी, और महेंद्रगढ़ जैसे जिलों में लू का असर सबसे अधिक रहेगा। यहां का तापमान 45°C तक जा सकता है।
  • पानी की कमी: गर्मी के कारण जल स्रोतों का सूखना और भू-जल स्तर का गिरना शुरू हो सकता है।
  • फसल पर असर: गर्म हवाओं के कारण खरीफ फसलों की बुवाई चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
  • शहरों में गर्मी: गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरी इलाकों में बढ़ती गर्मी और उमस के कारण एयर कंडीशनिंग और बिजली की मांग में वृद्धि होगी।

मानसून (जुलाई-सितंबर)

हरियाणा में मानसून का आगमन जून के अंत या जुलाई के पहले सप्ताह में होता है।

  • सामान्य बारिश का अनुमान: साल 2025 में हरियाणा में सामान्य से 10% अधिक बारिश होने की संभावना है। यह राज्य के किसानों के लिए राहत की खबर है।
  • कृषि पर प्रभाव: मानसून के दौरान धान और अन्य खरीफ फसलों की खेती जोरों पर होगी।
  • भारी बारिश के क्षेत्र: पंचकूला, अंबाला, और यमुनानगर में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। इन क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा हो सकता है।
  • शुष्क क्षेत्र: दक्षिण हरियाणा के रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में अपेक्षाकृत कम बारिश होने की संभावना है।
  • शहरों में जलभराव: फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे शहरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या बनी रह सकती है।

शरद ऋतु (अक्टूबर-नवंबर)

अक्टूबर और नवंबर में मानसून के विदा होते ही हरियाणा में मौसम सुहाना होने लगेगा।

  • फसलों की कटाई: इस दौरान खरीफ फसलों की कटाई और रबी फसलों की बुवाई शुरू हो जाएगी।
  • शुष्क मौसम: इस समय हरियाणा में बारिश न के बराबर होगी, और मौसम शुष्क रहेगा।
  • ठंडी हवाओं की शुरुआत: नवंबर के अंत तक ठंडी हवाएं चलने लगेंगी और तापमान गिरना शुरू हो जाएगा।

सर्दी की वापसी (दिसंबर)

साल 2025 का अंत सर्दियों के मौसम के साथ होगा।

  • कोहरे का असर: दिसंबर के मध्य से हरियाणा के अधिकांश हिस्सों में घना कोहरा देखने को मिलेगा।
  • तापमान में गिरावट: न्यूनतम तापमान 5°C तक गिर सकता है, विशेषकर उत्तरी हरियाणा के इलाकों में।
  • त्योहारी मौसम: दिसंबर का मौसम हरियाणा में शादी और त्योहारों के अनुकूल रहेगा।

विशेष चुनौतियां और सावधानियां

  1. लू और गर्मी: गर्मियों के दौरान लू से बचाव के लिए पर्याप्त पानी पीना और धूप से बचने के उपाय करना आवश्यक होगा।
  2. भारी बारिश और बाढ़: मानसून के दौरान जलभराव और बाढ़ वाले इलाकों में प्रशासन को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
  3. कोहरे का असर: सर्दियों में घने कोहरे के कारण सड़कों पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है। वाहन चालकों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
  4. फसलों पर प्रभाव: मौसम के बदलाव के अनुसार किसानों को समय पर बीज और उर्वरक उपलब्ध कराना जरूरी होगा।

हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों का मौसम पूर्वानुमान

  • उत्तर हरियाणा (अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर): सर्दियों में शीतलहर और मानसून में भारी बारिश का प्रभाव।
  • मध्य हरियाणा (करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल): मानसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश।
  • दक्षिण हरियाणा (गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद): गर्मियों में लू और शीतकाल में कोहरा।
  • पश्चिम हरियाणा (हिसार, भिवानी, सिरसा): गर्मियों में तेज गर्मी और मानसून में कम बारिश।

निष्कर्ष

साल 2025 में हरियाणा का मौसम हर ऋतु में अपनी अलग छटा दिखाएगा। सर्दी, गर्मी, और मानसून के बदलावों का असर राज्य के कृषि, उद्योग, और आम जनजीवन पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। भारतीय मौसम विभाग के नियमित अपडेट्स और पूर्वानुमान को ध्यान में रखकर हरियाणा के लोग और किसान मौसम से जुड़ी चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना कर सकते हैं।

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