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स्वर्गीय चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि: 31 दिसंबर को चौटाला गांव में होगा भव्य आयोजन

Op Chautala


चंडीगढ़: हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके स्वर्गीय चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के निधन से प्रदेश ने एक युगांतरकारी नेता को खो दिया है। किसान, मजदूर और आम जनता के अधिकारों के लिए संघर्ष का प्रतीक माने जाने वाले चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने अपना सम्पूर्ण जीवन जनसेवा को समर्पित किया। उनकी मृत्यु से राजनीति के क्षेत्र में ऐसी रिक्तता आई है, जिसे भर पाना बेहद कठिन है।

चौधरी चौटाला ने हमेशा किसानों, मजदूरों और आम लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी भी दुर्भावना या पक्षपात से प्रेरित होकर कार्य नहीं किया। मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने काबिल अफसरों को नेतृत्व के मौके दिए। उनके कार्यकाल के अंत में, 2005 में, हरियाणा पहली बार राजस्व में सरप्लस राज्य बना। चौटाला ने सरकार के खजाने में ढाई हजार करोड़ रुपये की राशि छोड़ते हुए प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत स्थिति में पहुंचाया।

उन्होंने प्रदेश में विकास कार्यों को तेज़ी देने के लिए जनता दरबार की शुरुआत की, ताकि आम जनता की समस्याओं का समाधान मौके पर ही हो सके। उनकी दूरदर्शी सोच का ही परिणाम है कि गुरुग्राम, जो आज हरियाणा का सबसे बड़ा राजस्व देने वाला शहर है, अपनी नई पहचान बना सका।

श्रद्धांजलि सभा की तैयारियां जोरों पर

स्वर्गीय चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की आत्मा की शांति के लिए 31 दिसंबर को चौटाला गांव स्थित चौधरी साहिब राम स्टेडियम में एक विशाल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। इस सभा में देश और प्रदेश के वरिष्ठ राजनेता, प्रसिद्ध हस्तियां, और हजारों लोग शामिल होंगे।

कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं। स्टेडियम में वाटरप्रूफ बड़ा पंडाल लगाया जा रहा है, जहां एक बार में करीब 10,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। आने वाले सभी लोगों के लिए पानी, भोजन और पार्किंग जैसी सुविधाओं का प्रबंध किया जा रहा है।

श्रद्धांजलि सभा को सफल और भव्य बनाने के लिए आयोजन समिति और स्थानीय प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं। यह कार्यक्रम स्वर्गीय चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देने का अवसर होगा और उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद करते हुए उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा भी देगा।

चौधरी चौटाला का योगदान

चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में पांच बार सेवा दी। उन्होंने अपने कार्यकाल में किसान-मजदूर हितों को प्राथमिकता दी और हरियाणा को विकास के पथ पर अग्रसर किया। उनका निधन प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनके द्वारा स्थापित आदर्श और जनसेवा की भावना लोगों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगी।

यह श्रद्धांजलि सभा न केवल उनके महान कार्यों को याद करने का मौका होगी, बल्कि यह उनके जीवन और विचारों से प्रेरणा लेने का भी एक अवसर बनेगी।

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