Book Ad



हरियाणा: खाप पंचायतों का किसान आंदोलन को समर्थन, 29 दिसंबर को हिसार में महापंचायत

Farmer Protest


Haryana News: हरियाणा और पंजाब की सीमा पर जारी किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा की खाप पंचायतों ने अपना पूरा समर्थन जताया है। 102 खाप पंचायतों ने सभी किसान संगठनों को एकजुट करने का बीड़ा उठाया है और 29 दिसंबर 2024 को हिसार में महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की है।


महापंचायत की तैयारी और जनसंपर्क अभियान

खाप पंचायतों ने 29 दिसंबर तक व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने की योजना बनाई है। यह अभियान हिसार के बास गांव में होने वाली महापंचायत की सफलता के लिए है, जिसमें सभी 102 खापों और किसान संगठनों को आमंत्रित किया गया है।

खाप प्रतिनिधियों ने बताया कि महापंचायत में किसानों के समर्थन में ठोस और कड़े निर्णय लिए जाएंगे। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए दबाव बनाना है, जिससे देशभर के किसानों को लाभ हो सके।


बैठक में खाप नेताओं का बयान

चंडीगढ़ में खाप प्रतिनिधियों की बैठक हुई, जिसमें कई प्रमुख नेताओं ने भाग लिया।

  • जयपाल दहिया (दहिया खाप): उन्होंने कहा कि खापें पूरी तरह किसान आंदोलन के साथ खड़ी हैं।
  • ओम प्रकाश कंडेला (कंडेला खाप): उन्होंने सरकार से रास्ते खोलने की अपील की और किसानों पर लगाए गए अनुशासनहीनता के आरोपों को खारिज किया।
  • सुरेंद्र दलाल (दलाल खाप): उन्होंने कहा कि किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।

केंद्र सरकार से अपील

खाप नेताओं ने केंद्र सरकार से अपील की है कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तुरंत बातचीत शुरू की जाए। अगर उनके साथ कोई अनहोनी होती है, तो उसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।


सरकार के साथ विवाद

खाप नेताओं ने कहा कि आंदोलन के दौरान रास्ते बंद करने का निर्णय सरकार ने लिया है, जिससे आम जनता भी परेशान हो रही है। किसानों पर लगाए गए अनुशासनहीनता के आरोप बेबुनियाद हैं। खाप पंचायतों का कहना है कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं और उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।


महापंचायत के संभावित निर्णय

29 दिसंबर की महापंचायत में खाप पंचायतें और किसान संगठन मिलकर आंदोलन को और मजबूत करने के लिए रणनीति बनाएंगे। यह महापंचायत किसानों के लिए निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।

नोट: किसानों और खाप पंचायतों के इस गठजोड़ से आंदोलन को और अधिक मजबूती मिलेगी। जनता और सरकार की नजर अब 29 दिसंबर को होने वाली महापंचायत पर टिकी हुई है।

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url