चंडीगढ़: 6 दिसंबर को किसानों द्वारा दिल्ली कूच के ऐलान के बाद हरियाणा पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए कई जिलों में सख्ती बढ़ा दी है। खासतौर पर अंबाला जिले में धारा 163 लागू कर दी गई है। हरियाणा पुलिस ने पंजाब की सीमा पर नोटिस लगाए हैं, जिसमें किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
क्या है विवाद?
किसानों ने अपने लंबित मुद्दों, जैसे फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), कर्ज माफी, और अन्य मांगों को लेकर दिल्ली कूच का ऐलान किया है।
हरियाणा सरकार ने सीमा पर सख्त निगरानी का आदेश दिया है, खासतौर पर शंभू बॉर्डर पर, जो पंजाब-हरियाणा के बीच मुख्य प्रवेश द्वार है।
पुलिस और किसानों के बीच झड़प की आशंका को देखते हुए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं।
शंभू बॉर्डर पर रोके जा सकते हैं किसान
पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, हरियाणा प्रशासन ने शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने की योजना बनाई है। बॉर्डर पर बैरिकेडिंग और निगरानी बढ़ा दी गई है। यदि किसान दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें वहीं पर रोका जा सकता है।
नोएडा में झड़प का संदर्भ
2 दिसंबर को नोएडा में भी किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी, जब किसान विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली की तरफ बढ़ने का प्रयास कर रहे थे। इस घटना ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भीषण जाम की स्थिति पैदा कर दी थी।
प्रमुख मुद्दे और किसानों की मांगें
MSP की गारंटी: किसान लंबे समय से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
कर्ज माफी: छोटे और मझोले किसानों के लिए कर्ज राहत की भी प्रमुख मांग उठाई जा रही है।
लंबित मुआवजे का भुगतान: फसल नुकसान और अन्य आपदाओं से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग है।
स्थिति पर नजर
हरियाणा-पंजाब सीमा और दिल्ली से सटे इलाकों में पुलिस सतर्क है। किसानों के पैदल मार्च और ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए यातायात प्रभावित हो सकता है। सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत की कोई संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही है, जिससे टकराव की आशंका बनी हुई है।
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