हरियाणा पुलिस प्रशासन में बड़ा फेरबदल: सौरभ सिंह बने नए सीआईडी चीफ, जानें कौन ये धाकड़ ऑफिसर?
चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस प्रशासन में बड़ा बदलाव हुआ है। सीआईडी के प्रमुख रहे आलोक मित्तल का तबादला करते हुए राज्य सरकार ने उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) का एडीजीपी नियुक्त किया है। उनकी जगह फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर आईपीएस सौरभ सिंह को हरियाणा सीआईडी का नया चीफ बनाया गया है। गौरतलब है कि सौरभ सिंह को एक महीने पहले ही फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात किया गया था।
सौरभ सिंह का परिचय
सौरभ सिंह 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश के लखनऊ के मूल निवासी हैं। 26 वर्षों के अपने सेवा कार्यकाल में सौरभ सिंह ने हरियाणा के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। वे फतेहाबाद, भिवानी, झज्जर, सिरसा, रोहतक और जींद में एसपी के पद पर रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने गुरुग्राम में पुलिस उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक (यातायात) के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं।
सौरभ सिंह की छवि एक तेज-तर्रार और प्रभावी अधिकारी के रूप में है। उनके सीआईडी प्रमुख बनने के बाद विभाग की कार्यप्रणाली में बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
आलोक मित्तल का नया पद
आलोक मित्तल, जो 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, को अब एंटी करप्शन ब्यूरो का एडीजीपी नियुक्त किया गया है। वे 2020 में हरियाणा के सीआईडी चीफ बनाए गए थे। उस समय वे एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) में अपना डेपुटेशन कार्यकाल पूरा करके लौटे थे।
आलोक मित्तल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का बेहद भरोसेमंद अधिकारी माना जाता है। उन्हें उनकी नई जिम्मेदारी के तहत भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का काम सौंपा गया है।
शैक्षणिक और पेशेवर योग्यता
आलोक मित्तल इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के निवासी हैं और उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि बेहद प्रभावशाली है। उन्होंने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा, उन्होंने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से पुलिस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री और नालसर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से साइबर लॉ में पीजी डिप्लोमा किया है।
नए बदलावों का महत्व
हरियाणा पुलिस प्रशासन में यह फेरबदल विभागीय कार्यक्षमता को सुधारने और विभागीय चुनौतियों को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए किया गया है। सौरभ सिंह के सीआईडी चीफ बनने से विभाग में नई ऊर्जा का संचार होना तय है। वहीं, आलोक मित्तल से एंटी करप्शन ब्यूरो में भ्रष्टाचार पर कड़ी निगरानी की उम्मीद की जा रही है।
यह बदलाव हरियाणा पुलिस की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक दक्षता को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।