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सावधान! इस बार हरियाणा में बोर्ड एग्जाम में नहीं कर पाएंगे नकल, बोर्ड ने नकल रहित परीक्षा के लिए शुरू किया ये काम

Haryana News


नया हरियाणा: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने सत्र 2024-25 की परीक्षाओं को नकल रहित बनाने के लिए एक व्यापक नकल उन्मूलन अभियान की शुरुआत की है। इस पहल के तहत पहली बार बोर्ड सचिव एचसीएस अधिकारी अजय चोपड़ा ने प्रदेश के 6500 से अधिक स्कूलों के प्राचार्यों, मुख्य अध्यापकों, अध्यापकों और विद्यार्थियों से गूगल मीट के माध्यम से सीधा संवाद किया।

पहले दिन, 1950 से अधिक विद्यालयों में यह संवाद स्थापित किया गया। इस दौरान बोर्ड सचिव ने नकल के दुष्प्रभावों के बारे में सभी को बताया और सभी से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि आने वाली परीक्षाएं पूरी तरह नकल रहित हों।

अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "वर्तमान समय में सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए ठानी है। पिछले 10 वर्षों में सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता आई है, और अब वही छात्र सफलता हासिल कर रहे हैं, जो मेहनत करते हैं और नकल रहित परीक्षाएं देकर अच्छे अंक प्राप्त कर रहे हैं।"

उन्होंने यह भी बताया कि नकल मानसिक विकास को रोकती है और छात्रों को आत्मनिर्भर बनने की बजाय नकल पर निर्भर बना देती है। "हम सभी का पहला उद्देश्य नकल रहित परीक्षा होना चाहिए। इसके लिए यह जरूरी है कि शिक्षक समाज इस बुराई को समाप्त करने के लिए पूरी तरह से जागरूकता फैलाए और विद्यार्थियों को नकल के दुष्प्रभावों से अवगत कराए। सामाजिक संस्थाओं का सहयोग इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है। विद्यालय स्तर पर पंचायत, एसएमसी सदस्यों और अभिभावकों से सहयोग लेकर नकल के प्रभाव से उन्हें अवगत कराया जाए, ताकि परीक्षा के दौरान नकल उन्मूलन में उनकी मदद ली जा सके।"

बोर्ड सचिव ने विद्यालय मुखियाओं को यह निर्देश भी दिए कि परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरों का प्रबंध सुनिश्चित किया जाए और प्री-बोर्ड परीक्षाओं को नकल रहित बनाया जाए, ताकि विद्यार्थी आगामी परीक्षाओं के लिए पहले से बेहतर तरीके से तैयार हो सकें। उन्होंने बताया कि बोर्ड ने नकल रोकने के लिए कई प्रशासनिक सुधार पहले ही किए हैं, जिनमें सफलता भी मिली है। फिर भी, नकल एक ऐसी बुराई है जिसे विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का विकास कर समाप्त किया जा सकता है, और इसके लिए अध्यापक अपने स्तर पर भी प्रयास करें।

इसके अलावा, नकल उन्मूलन अभियान के साथ ही बोर्ड सचिव ने नशा मुक्त विद्यालय और नशा मुक्ति विद्यार्थी अभियान पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बोर्ड का उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास है और नशे जैसी सामाजिक बुराई को गंभीरता से लिया जा रहा है। स्कूल मुखिया और अध्यापक इस बात का ध्यान रखें कि विद्यालय के आसपास धूम्रपान न हो और समय-समय पर विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभाव से भी अवगत कराएं। इसके साथ ही अभिभावक मीटिंगों में इस मुद्दे को गंभीरता से लें, और अध्यापक नशे जैसी बुराई को समाप्त करने में अपना अमूल्य योगदान दें।

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