हरियाणा में ओलावृष्टि ने मचाई तबाही, कई जिलों में रबी फसलें बर्बाद, सरकार से किसानों को उम्मीद
Naya Haryana: हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और जींद जिलों के कई गांवों में शुक्रवार को ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई। इससे रबी फसलों, विशेषकर गेहूं और सरसों, को भारी नुकसान हुआ है।
फतेहाबाद जिले में सबसे ज्यादा नुकसान
फतेहाबाद जिले के ढांगड़, बिगड़, सालमखेड़ा, बडोपाल, मोहम्मदपुर रोही, भिरड़ाना, बिसला, बरसिन माजरा, धानी माजरा, झालानिया और जांडली खुर्द गांवों में ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। यहां बारिश के बाद आई ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बारिश ने जहां फसल के लिए बेहतर मौसम की उम्मीद जगाई थी, वहीं ओलावृष्टि ने फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया।
किसानों की मांग: नुकसान का आकलन कर मुआवजा दिया जाए
ग्राम स्वराज किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जोगेंद्र ताला ने राज्य सरकार से किसानों को तुरंत राहत देने की मांग की। उन्होंने आग्रह किया कि सरकार गिरदावरी कराकर नुकसान का सही आकलन करे और प्रभावित किसानों को समय पर मुआवजा सुनिश्चित करे।
हिसार में 15 गांव प्रभावित
हिसार जिले के आदमपुर और नारनौंद क्षेत्रों के लगभग 15 गांवों में भी ओलावृष्टि की खबरें हैं। दोपहर तक जिले में 12 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि शाम तक और अधिक बारिश हुई। आदमपुर से विधायक चंदर प्रकाश ने भी फसलों के नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से गिरदावरी कराने और किसानों को मुआवजा देने की अपील की।
विशेषज्ञों की राय: बारिश से मिलेगी राहत, ओलावृष्टि ने बढ़ाई चिंता
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डॉ. ओपी बिश्नोई ने बताया कि सरसों की फसल को कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन गेहूं की फसल को अधिक नुकसान होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि बारिश फसलों के लिए लाभकारी है, क्योंकि इससे मिट्टी में नमी बनी रहेगी।
भिवानी कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. देवी लाल ने बताया कि बारिश ने तापमान में अंतर को कम किया है, जिससे रबी फसलों, जैसे गेहूं, सरसों और चने की वृद्धि में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस बारिश से सिंचाई का खर्च और मेहनत बच गई है, जो किसानों के लिए राहत की बात है।
सरकार से किसानों को उम्मीद
हालांकि, ओलावृष्टि से हुए नुकसान ने किसानों को अस्थायी तौर पर परेशान कर दिया है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश के दीर्घकालिक लाभ, जैसे बेहतर फसल उत्पादन और सिंचाई लागत में कमी, किसानों को कुछ राहत देंगे।
किसानों को उम्मीद है कि राज्य सरकार उनकी समस्याओं को प्राथमिकता देगी और जल्द से जल्द मुआवजे की प्रक्रिया शुरू करेगी। वहीं, विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे फसलों की नियमित निगरानी करें और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार फसल प्रबंधन करें।