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हरियाणा सरकार का बड़ा तोहफा: बेटियों को मिलेंगे 71000 रुपये, जानें क्या है पूरी योजना?

मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना


Mukhyamantari Vivah Shagun Yojana: हरियाणा की सैनी सरकार ने बेटियों वाले परिवारों के लिए बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत अब बेटियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता राशि बढ़ाकर 71,000 रुपये कर दी गई है। यह योजना गरीब परिवारों की बेटियों, विधवाओं, बेसहारा महिलाओं, खिलाड़ियों और अनाथ लड़कियों की शादी में आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए लागू की गई है।

योजना के लाभ और पात्रता:

  1. विधवा/तलाकशुदा/निराश्रित/अनाथ एवं निराश्रित बच्चे

    • जिनकी पारिवारिक आय 1.80 लाख रुपये प्रति वर्ष या उससे कम है, उन्हें 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी।
  2. एससी/डीटी/टपरीवास समुदाय

    • जिनकी पारिवारिक आय 1.80 लाख रुपये प्रति वर्ष या उससे कम है, उन्हें 71,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
  3. खिलाड़ी महिलाएं

    • कोई भी जाति की खिलाड़ी महिला, जिनकी पारिवारिक आय 1.80 लाख रुपये प्रति वर्ष या उससे कम है, उन्हें 41,000 रुपये मिलेंगे।
  4. सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के परिवार

    • जिनकी पारिवारिक आय 1.80 लाख रुपये प्रति वर्ष या उससे कम है, उन्हें 41,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
  5. दिव्यांगजन

    • यदि नवविवाहित दंपति दोनों विकलांग हैं, तो उन्हें 51,000 रुपये दिए जाएंगे।
    • यदि नवविवाहित दंपति में से कोई एक विकलांग है, तो उसे 41,000 रुपये की सहायता मिलेगी।

चयन प्रक्रिया:

  1. पीपीपी (Parivar Pehchan Patra) आय सत्यापन
  2. आयु सत्यापन

आवश्यक दस्तावेज:

आवेदन करते समय आवेदकों को निम्न दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:

  1. आधार कार्ड
  2. बीपीएल राशन कार्ड
  3. आय प्रमाण पत्र
  4. बैंक खाता पासबुक
  5. तलाक प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  6. निवास प्रमाण पत्र
  7. जाति प्रमाण पत्र
  8. विवाह प्रमाण पत्र
  9. वर और वधू का जन्म प्रमाण पत्र

आवेदन प्रक्रिया:

  1. पात्रता की जांच:

    • आवेदक को आधिकारिक अधिसूचना के आधार पर अपनी पात्रता की जांच करनी होगी।
  2. आवेदन जमा करना:

    • इच्छुक माता-पिता या लाभार्थियों को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित प्रारूप में आवेदन तहसील कल्याण अधिकारी या जिला कल्याण अधिकारी को जमा करना होगा।
  3. मंजूरी प्रक्रिया:

    • जिला कल्याण कार्यालय आवेदन की जांच के बाद उसे उपायुक्त के पास भेजेगा, जो इस योजना के तहत मंजूरी देने का प्राधिकारी होगा।
  4. राशि का वितरण:

    • राशि संबंधित जिला कल्याण अधिकारी द्वारा कोषागार से निकाली जाएगी और बेटी की शादी से पहले आवेदक के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।
  5. प्रमाण पत्र जमा करना:

    • विवाह के बाद लाभार्थी को निर्धारित प्रारूप में एक प्रमाण पत्र जमा करना होगा, जिसमें यह पुष्टि की जाएगी कि विवाह वास्तव में हुआ है।

महत्वपूर्ण शर्तें:

  • आवेदक को विवाह के 6 माह के भीतर विवाह पंजीकरण के साथ आवेदन प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
  • विवाह की तिथि के 6 माह बाद प्राप्त किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।

मुख्य उद्देश्य:

मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों की गरिमा को बनाए रखते हुए उनके विवाह को सुनिश्चित करना और गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान करना है।

हरियाणा सरकार का यह कदम समाज के कमजोर वर्गों के लिए राहतभरा साबित होगा और बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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