हरियाणा: स्वतंत्रता सेनानियों की बेटियों और दिव्यांग बेटों को पेंशन देने का बड़ा फैसला
Haryana Pension Scheme: हरियाणा सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों की विधवा, तलाकशुदा और अविवाहित बेटियों को भी पेंशन देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने यह शर्त रखी है कि पेंशन पाने वाली महिलाओं की आय का कोई अन्य स्रोत नहीं होना चाहिए। यह कदम स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को आर्थिक रूप से सहारा देने की दिशा में उठाया गया है।
दिशा-निर्देशों में संशोधन
हरियाणा सरकार ने 12 जून 2009 को जारी पूर्व दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए यह फैसला लिया है। इसके तहत स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी धर्मपत्नियों की मृत्यु के बाद उनकी बेरोजगार अविवाहित बेटी, विधवा और तलाकशुदा बेटियां भी अब राज्य सम्मान पेंशन पाने की पात्र होंगी।
दिव्यांग बेरोजगार पुत्रों के लिए भी बड़ी घोषणा
सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के दिव्यांग अविवाहित बेरोजगार बेटों को भी पेंशन देने का फैसला किया है।
- पात्रता:
- 75 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले अविवाहित बेरोजगार पुत्र इस पेंशन के लिए पात्र होंगे।
- यदि परिवार में एक से अधिक पात्र बच्चे हैं, तो पेंशन का वितरण समान अनुपात में किया जाएगा।
- यह निर्णय उन परिवारों को आर्थिक सहारा प्रदान करेगा, जिनके दिव्यांग सदस्य अपने खर्चों के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं।
सरकार की नई पहल
हरियाणा सरकार का यह कदम स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को उनके योगदान का सम्मान देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
- यह फैसला राज्य के उन परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा, जिनकी आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है।
- पेंशन का उद्देश्य समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्ग को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
हरियाणा सरकार का यह निर्णय स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों के लिए एक सम्मानजनक पहल है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि समाज में उनकी भूमिका और योगदान को भी मान्यता मिलेगी। सरकार का यह कदम स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को बेहतर जीवन देने में मदद करेगा।