Book Ad



हरियाणा सरकार का सरकारी स्कूलों से हटने वाले बच्चों को लेकर बड़ा फैसला, अब सैनी सरकार करेगी ये काम

Haryana School


हरियाणा के सरकारी स्कूलों में ड्रॉपआउट बच्चों की बढ़ती संख्या सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। इसे ध्यान में रखते हुए, शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है। यह सर्वेक्षण 1 जनवरी 2025 से शुरू होगा और 6 जनवरी 2025 तक चलेगा। इस पहल का उद्देश्य ड्रॉपआउट बच्चों को फिर से शिक्षा प्रणाली से जोड़ना और नई शिक्षा नीति (NEP-2020) के प्राथमिक लक्ष्यों को प्राप्त करना है।


ड्रॉपआउट बच्चों के लिए विशेष एक्शन प्लान

हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद (HSSPP) ने ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान और नामांकन के लिए एक विस्तृत एक्शन प्लान तैयार किया है।

  • समूहों की पहचान: शिक्षा विभाग का मुख्य ध्यान अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), सड़क पर रहने वाले बच्चों, भिखारियों, अनाथ, बेघर, प्रवासी, और विमुक्त जनजातियों के बच्चों पर होगा।
  • सर्वेक्षण टीम: इसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी, मौलिक शिक्षा अधिकारी, और शिक्षकों का सहयोग लिया जाएगा।

ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान और नामांकन प्रक्रिया

  1. ड्रॉपआउट डाटा तैयार करना:

    • स्कूल छोड़ चुके बच्चों का डाटा तैयार किया जाएगा।
    • इन बच्चों को नए सत्र 2025-26 की शुरुआत में स्कूल में नामांकित किया जाएगा।
  2. शिक्षा नीति का उद्देश्य:

    • नई शिक्षा नीति-2020 का लक्ष्य है कि सभी बच्चे स्कूलों में नामांकित हों और नियमित रूप से शिक्षा ग्रहण करें।
    • इसके लिए शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करना प्राथमिक लक्ष्य है।
  3. आरटीई अधिनियम के तहत कार्रवाई:

    • बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए शिक्षकों को अहम जिम्मेदारी दी गई है।
    • आरटीई (2009) के तहत कमजोर वर्गों के बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे।

सर्वे की कार्य योजना

  • सर्वे की अवधि: 1 जनवरी 2025 से 6 जनवरी 2025 तक।
  • कार्य योजना:
    • शिक्षक गांव-स्तर पर सर्वेक्षण करेंगे।
    • स्कूल न जाने वाले बच्चों की सूची तैयार कर स्कूल प्रमुख को सौंपी जाएगी।
    • स्कूल प्रमुख यह सूची कलस्टर प्रमुख को सौंपेंगे।

गरीब और वंचित वर्गों के लिए विशेष प्रयास

शिक्षा विभाग का मुख्य फोकस सड़क पर रहने वाले बच्चों, भिखारियों, अनाथों और अन्य वंचित वर्गों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने पर रहेगा। यह कदम समाज के हाशिए पर रहने वाले बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा में शामिल करने के लिए उठाया गया है।


शिक्षा विभाग का विजन: बच्चों को वापस स्कूल लाना

हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग ड्रॉपआउट बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

  • सर्वे के बाद: ड्रॉपआउट बच्चों को नामांकित किया जाएगा।
  • शैक्षणिक जागरूकता: बच्चों और उनके अभिभावकों को शिक्षा का महत्व समझाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे।

निष्कर्ष

हरियाणा शिक्षा विभाग की यह पहल नई शिक्षा नीति-2020 के तहत राज्य में शिक्षा स्तर सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ड्रॉपआउट बच्चों को वापस स्कूल लाने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए यह सर्वेक्षण महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

ताजा अपडेट और अधिक जानकारी के लिए शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url