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हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों की हुई मौज, मिल गया प्रमोशन, सैनी सरकार ने किया ऐलान

Haryana Karamchari


चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने 10 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में पक्के हुए कर्मचारियों को अब पदोन्नति देने का बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने 13 जून 2024 से इन कर्मचारियों को पहली पदोन्नति और एश्योर्ड करियर प्रमोशन (एसीपी) देने का निर्णय लिया है। इस फैसले से करीब पांच हजार कर्मचारियों को फायदा होगा।

2014 की पॉलिसी के तहत राहत

हरियाणा सरकार ने वर्ष 2014 में बनी नियमितीकरण पॉलिसी के तहत पक्के हुए कर्मचारियों को राहत देते हुए उन्हें पदोन्नति देने का निर्णय लिया है। हालांकि, ये पदोन्नतियां सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर होंगी, क्योंकि इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला अभी लंबित है।

सरकार के निर्देश

मुख्य सचिव के अधीनस्थ मानव संसाधन विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के 6 मार्च 2024 के अंतरिम आदेश के बाद सरकार ने यह कदम उठाया। अदालत ने कर्मचारियों की पदोन्नति पर रोक हटा दी थी, जिससे कर्मचारियों के पदोन्नति को लेकर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा था।

पदोन्नति और एसीपी स्केल के लाभ

सरकार ने स्पष्ट किया है कि 2014 की पॉलिसी के तहत नियमित हुए कर्मचारी यदि पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं, तो उन्हें पदोन्नति और प्रथम एसीपी स्केल के लाभ दिए जाएंगे। हालांकि, 13 जून 2024 से पहले की तारीख से पदोन्नति या एसीपी स्केल पर निर्णय बाद में लिया जाएगा।

हुड्डा सरकार की पॉलिसी

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने 2014 में विधानसभा चुनाव से पहले कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए तीन पॉलिसी बनाई थीं। इनमें से पहली पॉलिसी 18 जून 2014 को बनाई गई, जिसके तहत तीन साल पूरा करने वाले करीब पांच हजार कर्मचारियों को पक्का कर दिया गया था। जुलाई 2014 में एक और पॉलिसी बनी, जिसके तहत 31 दिसंबर 2018 तक दस साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया गया।

हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामला

यह मामला हाई कोर्ट में चला गया, जहां जून 2018 में हाई कोर्ट ने 2014 की पॉलिसी पर रोक लगा दी थी और पांच हजार कर्मचारियों के साथ-साथ अन्य अनुबंध कर्मचारियों को हटाने का आदेश जारी किया था। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, जहां 26 नवंबर 2018 को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया गया। इसके बाद प्रदेश सरकार ने 18 जून 2020 को इन कर्मचारियों की पदोन्नति पर रोक लगा दी थी।

हरियाणा सरकार का यह फैसला पक्के कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो अब पदोन्नति और एसीपी स्केल के लाभ के पात्र होंगे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के बाद ही इन पदोन्नतियों और लाभों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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