चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए बस स्टैंडों पर व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय सराहनीय है। यह कदम दिव्यांगों की गतिशीलता को बढ़ावा देने और उन्हें समाज के मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रदेश के परिवहन मंत्री अनिल विज ने बीते दिन मंगलवार को अधिकारियों के साथ हुई बैठक में निर्देश दिए हैं कि हरियाणा के सभी बस स्टैंड पर दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि उन्हें यात्रा के दौरान असुविधा का सामना न करना पड़े।
इस निर्णय के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- दिव्यांगों की स्वतंत्रता: व्हीलचेयर की उपलब्धता से दिव्यांग व्यक्ति स्वतंत्र रूप से बस स्टैंड पर आ जा सकते हैं और बस में चढ़ने-उतरने में आसानी महसूस करेंगे।
- समावेशी परिवहन: यह कदम परिवहन व्यवस्था को दिव्यांग-मैत्री बनाने की दिशा में एक कदम है। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी लोग, चाहे वे किसी भी प्रकार की विकलांगता से ग्रस्त हों, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर सकें।
- समाज में समानता: यह कदम दिव्यांगों के लिए समाज में समानता लाने में मदद करेगा।
- दिव्यांगों का आत्मविश्वास बढ़ाना: जब दिव्यांग व्यक्ति देखेंगे कि सरकार उनकी जरूरतों को समझ रही है और उनके लिए सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
रोडवेज बेड़े से खटारा बसों को हटाना:
रोडवेज बेड़े से खटारा बसों को हटाने का निर्णय भी सराहनीय है। इससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और सार्वजनिक परिवहन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में संचालित हो रही सभी बसों का गहन निरीक्षण किया जाए, जो बसें खराब अवस्था में पहुंच चुकी है। उन्हें बेड़े से हटा दिया जाए। खटारा या खराब बसों को रोडवेज के बेडे से हटाया जाएगा।
यह निर्णय कई कारणों से महत्वपूर्ण है:
- यात्रियों की सुरक्षा: खटारा बसों से यात्रा करना यात्रियों के लिए खतरनाक हो सकता है।
- पर्यावरण संरक्षण: पुरानी बसें अधिक प्रदूषण करती हैं। नए बसों से प्रदूषण कम होगा।
- यात्रियों का आराम: नई बसों में यात्रा करना अधिक आरामदायक होगा।
हरियाणा सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम दिव्यांगों और आम लोगों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। यह उम्मीद की जाती है कि अन्य राज्य भी हरियाणा सरकार के इस उदाहरण का अनुसरण करेंगे और दिव्यांगों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।
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