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हरियाणा में कच्चे कर्मचारियों की हुई मौज. सरकार ने हाई कोर्ट दाखिल किया जवाब, अब होंगे नियुक्ति पत्र जारी होंगे

nayab saini


चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने 20 साल से अधिक समय से कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला किया है। सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में यह जानकारी दी कि सभी पात्र कर्मचारियों को अगले दो सप्ताह के भीतर नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे। यह कदम सरकार द्वारा अस्थायी कर्मचारियों की ओर से दायर अवमानना याचिका के जवाब में उठाया गया है।

मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से इस संबंध में एक प्रस्ताव पहले ही वित्त विभाग को भेजा गया था, जिसे वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश पर मुख्य सचिव कार्यालय ने 28 नवंबर को इसे स्वीकृति प्रदान की थी। अब राज्य में 20 साल से अधिक समय से कार्यरत सभी अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कैडर पदों के सृजन का रास्ता भी साफ हो गया है।

वित्तीय लाभ भी मिलेंगे

सरकार की इस कार्रवाई के तहत कर्मचारियों को न केवल नियमित पदों पर नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे, बल्कि उनके लिए परिणामी वित्तीय लाभ भी सुनिश्चित किए जाएंगे।

अवमानना याचिका पर सुनवाई

जस्टिस हरकेश मनुजा ने सरकार के जवाब पर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि राज्य सरकार दो सप्ताह की अवधि के भीतर कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया पूरी नहीं करती है, तो याचिकाकर्ता अवमानना याचिका की फिर से सुनवाई की मांग कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में संबंधित अधिकारी प्रत्येक याचिकाकर्ता को मुकदमेबाजी के खर्च के रूप में 50 हजार रुपये अपनी जेब से देने के लिए उत्तरदायी होंगे।

अवमानना याचिका क्यों दायर हुई?

याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट के 13 मार्च को दिए गए आदेश को लागू न करने पर मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई के लिए याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में राज्य सरकार को अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए उचित पद सृजित करने के निर्देश दिए थे।

याचिकाकर्ताओं ने 2003 की नियमितीकरण नीति के तहत अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग की थी। राज्य सरकार ने तब यह तर्क दिया था कि उनके पास कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कोई स्वीकृत पद नहीं हैं। हाई कोर्ट ने इस पर राज्य को निर्देश दिया था कि जब कोई कर्मचारी एक दशक से अधिक समय से कार्यरत है और उसके पद का कार्य मौजूद है, तो राज्य का कर्तव्य है कि वह उसके लिए पद सृजित करे।

हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी

यमुनानगर निवासी ओमप्रकाश व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि जब अस्थायी कर्मचारियों को लंबे समय तक कार्य करने की अनुमति दी जाती है, तो यह नहीं कहा जा सकता कि उस पद के लिए कोई नियमित कार्य नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि एक कल्याणकारी राज्य होने के नाते सरकार का यह दायित्व है कि वह कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करे और उनके हितों का ध्यान रखे।

नियुक्ति पत्र जल्द जारी होंगे

हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद अस्थायी कर्मचारियों में उम्मीद जगी है कि उन्हें अब पक्की नौकरी का लाभ मिलेगा। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि दो सप्ताह के भीतर सभी पात्र कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे।

इस कदम से हरियाणा में 20 साल से अधिक समय से कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होगा। हाई कोर्ट के निर्देश और राज्य सरकार की कार्रवाई के बाद कर्मचारी वर्ग को न केवल स्थायी रोजगार मिलेगा, बल्कि उन्हें वित्तीय लाभ भी सुनिश्चित होंगे।

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