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एनएच-334पी पर देश का दूसरा मानव रहित टोल प्लाजा: जानिए इसकी खासियत और फायदे

Toll Plaza


सोनीपत: सोनीपत में राष्ट्रीय राजमार्ग-334पी (NH-334P) पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने देश का दूसरा मानव रहित टोल प्लाजा शुरू कर दिया है। यह आधुनिक टोल प्लाजा सेंसर और स्वचालित तकनीक के जरिये टोल कलेक्शन की प्रक्रिया को पूरी तरह से आसान और तेज बना देगा। आइए इस टोल प्लाजा की विशेषताओं, इसके काम करने के तरीके और इसके लाभों को विस्तार से जानें।


मानव रहित टोल प्लाजा: कैसे काम करता है यह सिस्टम?

एनएच-334पी पर स्थित यह टोल प्लाजा पूरी तरह से स्वचालित और अत्याधुनिक सेंसर तकनीक से लैस है।

  • फास्टैग आधारित टोल कलेक्शन: वाहनों के फास्टैग से सेंसर के जरिए स्वत: टोल शुल्क काटा जाएगा।
  • स्वचालित बूम बैरियर: जैसे ही वाहन सेंसर की सीमा में आता है, टोल राशि कटने के बाद बूम बैरियर स्वत: खुल जाता है।
  • कैश लेन का विकल्प: शुरुआत में लोगों को जागरूक करने और फास्टैग को अनिवार्य करने के लिए अस्थायी कैश लेन की सुविधा भी दी गई है।
  • स्वचालित नंबर प्लेट पहचान: इस टोल प्लाजा पर नंबर प्लेट पहचान प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट भी चल रहा है, जो भविष्य में टोल कलेक्शन को और अधिक आसान बनाएगा।

टोल दरें और यात्रा की दूरी

  • कार चालकों के लिए शुल्क: सोनीपत से बवाना तक 29.6 किलोमीटर की दूरी तय करने पर 65 रुपये का टोल शुल्क लगेगा।
  • यह मार्ग गांव बड़वासनी से दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र तक फैला है।

तकनीकी विशेषताएं और भविष्य की योजनाएं

  • एडवांस टोल मैनेजमेंट सिस्टम: इस टोल प्लाजा को रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) और अत्याधुनिक सेंसर तकनीक से जोड़ा गया है।
  • जीएनएसएस आधारित टोल सिस्टम: भविष्य में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोल कलेक्शन शुरू किया जाएगा। यह प्रणाली फास्टैग और बूम बैरियर की आवश्यकता को खत्म कर देगी।
  • यूनिक आईडी प्रणाली: हाईवे पर चढ़ते ही प्रत्येक वाहन की यूनिक आईडी बन जाएगी, जो यात्रा के दौरान स्वचालित टोल वसूली सुनिश्चित करेगी।

एनएच-334पी के निर्माण का महत्व

एनएचएआई द्वारा 694 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए इस राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 29.6 किलोमीटर है। यह मार्ग चार लेन का है और निम्नलिखित क्षेत्रों को जोड़ता है:

  • गांव बड़वासनी से एनएच-352ए: सोनीपत और आसपास के क्षेत्रों को जोड़ता है।
  • दिल्ली के द्वारका एक्सप्रेसवे से लिंक: दिल्ली और गुरुग्राम के प्रमुख क्षेत्रों तक सीधा संपर्क।

इस टोल प्लाजा के लाभ

आमजन के लिए सुविधाएं

  • बिना रुकावट के टोल प्रक्रिया से समय की बचत।
  • स्वचालित प्रणाली से अधिक पारदर्शिता और सटीकता।

आर्थिक विकास को बढ़ावा

  • सोनीपत, जींद, चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के यात्रियों को अधिक सुविधा।
  • पश्चिमी और दक्षिणी दिल्ली, आईजीआई एयरपोर्ट और गुरुग्राम के लोगों को एनएच-44 तक आसानी से पहुंचने का विकल्प।
  • आसपास के औद्योगिक और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा।
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