दिल्ली: केंद्र सरकार ने दिल्ली से अंबाला तक के रेलवे ट्रैक को फोर लेन में बदलने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद रेल मंत्रालय ने 198 किमी लंबे इस ट्रैक पर तीसरी और चौथी लाइन बनाने के लिए सर्वेक्षण की अनुमति दे दी है।
परियोजना का क्रियान्वयन
सर्वेक्षण पूरा होने के बाद इस परियोजना के लिए बजट पास होगा और इसके बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। दिल्ली-अंबाला रूट पर रेलवे ट्रैफिक में भारी वृद्धि को देखते हुए मौजूदा डबल ट्रैक को चार लेन में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है। इससे ट्रेनों की आवाजाही में सुगमता आएगी और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
हरियाणा में 14 नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी
केंद्र सरकार ने हरियाणा में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए कुल 14 रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं के लिए 15,875 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है।
मार्च 2024 तक खर्च हुए 710 करोड़ रुपये
रेल मंत्रालय ने मार्च 2024 तक इन परियोजनाओं पर 710 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं। कुल 1,195 किमी लंबाई वाली परियोजनाओं में पांच नई रेलवे लाइनों का निर्माण और नौ रेलवे लाइनों का दोहरीकरण शामिल है।
परियोजनाओं के मुख्य बिंदु
- फोर लेन ट्रैक: दिल्ली से अंबाला तक मौजूदा ट्रैक को अपग्रेड कर चार लेन का बनाया जाएगा।
- नई रेलवे लाइनें: 14 परियोजनाओं में से पांच में नई रेलवे लाइनों का निर्माण शामिल है।
- रेलवे लाइनों का दोहरीकरण: 9 रेलवे लाइनों को डबल लाइन में बदलने की योजना है।
- बजट: परियोजनाओं के लिए 15,875 करोड़ रुपये स्वीकृत, जिनमें से 710 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
फोर लेन ट्रैक के फायदे
- यात्री सुविधा में वृद्धि: चार लेन बनने से ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ेगी और देरी कम होगी।
- रेलवे ट्रैफिक में कमी: मौजूदा ट्रैक पर ट्रैफिक का भार घटेगा।
- आर्थिक विकास: बेहतर कनेक्टिविटी से हरियाणा और आसपास के राज्यों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
दिल्ली-अंबाला रेलवे ट्रैक को फोर लेन में बदलने और हरियाणा में 14 नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी देने का यह निर्णय रेल नेटवर्क को और बेहतर बनाएगा। यह परियोजनाएं न केवल यात्रियों की सुविधा में इजाफा करेंगी बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देंगी।
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