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हरियाणा में नए जिलों और तहसीलों के गठन के लिए कैबिनेट सब कमेटी ने तय किए सख्त नियम, जाने कैसे बन सकते हैं जिले?

Haryana Distrcit Commmitee


नया हरियाणा : हरियाणा की कैबिनेट सब कमेटी ने राज्य में नए जिले, उपमंडल, उप तहसील और तहसीलों के गठन के लिए दिशा-निर्देशों को कड़ा कर दिया है। अब नए जिले या प्रशासनिक इकाइयों के गठन के लिए जिला उपायुक्त (डीसी) की सिफारिश अनिवार्य होगी। इसके साथ ही, ब्लॉक समिति का प्रस्ताव, संबंधित विधानसभा के विधायक का प्रस्ताव, और नगर पालिका या नगर निगम का समर्थन भी आवश्यक होगा।

तीन प्रस्तावों के बिना नहीं बनेगा कोई नया जिला

कैबिनेट सब कमेटी ने स्पष्ट किया है कि इन तीन अनिवार्य प्रस्तावों और डीसी की सिफारिश के बिना कोई भी नया जिला नहीं बनाया जाएगा। वर्तमान में, कैबिनेट सब कमेटी के पास पांच नए जिलों—हांसी, गोहाना, असंध, सफीदों और डबवाली—के गठन की मांगें पहुंची हैं। हालांकि, अधूरी दस्तावेजी प्रक्रियाओं के कारण अभी इन मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

जिला उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे आवश्यक दस्तावेज पूरे कर कैबिनेट सब कमेटी को भेजें, ताकि इन पर विचार किया जा सके।

कैबिनेट सब कमेटी की बैठक और लिए गए फैसले

शनिवार को चंडीगढ़ में कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने की। बैठक में निकाय मंत्री विपुल गोयल, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा और शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा भी मौजूद रहे।

बैठक में निम्नलिखित फैसले लिए गए:

  1. महेंद्रगढ़ जिले के गांव मंडोला को उप तहसील सतनाली में शामिल किया गया।
  2. रेवाड़ी जिले के बरेलीकलां गांव को उप तहसील पाल्लावास से हटाकर तहसील रेवाड़ी में जोड़ा गया।
  3. यमुनानगर जिले के गांव गुंदियाना को रादौर तहसील से हटाकर उप तहसील सरस्वती नगर में शामिल किया गया।
  4. फरीदाबाद जिले में बदलाव:
    • सेक्टर 15ए और 16ए को बड़खल से हटाकर तहसील फरीदाबाद में शामिल किया गया।
    • सेक्टर 21ए और 21बी को बड़खल तहसील में जोड़ा गया।

नए जिलों की मांगें और संभावनाएं

कैबिनेट सब कमेटी के पास वर्तमान में हांसी, गोहाना, असंध, सफीदों और डबवाली को जिला बनाने की मांगें हैं। इनमें गोहाना और असंध को जिला बनाने की मांग पिछली सरकार के समय से चल रही है, जबकि सफीदों, डबवाली और असंध की मांगें मौजूदा सरकार के कार्यकाल में उठाई गई हैं।

गुरुग्राम से मानेसर को अलग कर जिला बनाने की मांग भी कई दिनों से की जा रही है, लेकिन अभी तक इस पर कोई प्रस्ताव कैबिनेट सब कमेटी के पास नहीं पहुंचा है।

संबंधित गांवों के सरपंच का प्रस्ताव भी अनिवार्य

बैठक में यह भी तय किया गया कि यदि किसी गांव को किसी उप तहसील या तहसील में शामिल करना है, तो संबंधित गांव के सरपंच का प्रस्ताव अनिवार्य होगा।

कैबिनेट सब कमेटी की प्रक्रिया

कैबिनेट सब कमेटी के चेयरमैन कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि जैसे-जैसे ब्लॉक समिति, विधायक, नगर पालिका, परिषद या नगर निगम के प्रस्ताव और डीसी की सिफारिशें प्राप्त होंगी, कमेटी नए जिलों, उपमंडलों, उप तहसीलों और नई तहसीलों के गठन पर निर्णय लेगी।

हरियाणा में वर्तमान स्थिति

हरियाणा में फिलहाल 22 जिले हैं। प्रशासनिक विस्तार की मांग को देखते हुए नए जिलों के गठन की संभावनाएं लगातार चर्चा में हैं। कैबिनेट सब कमेटी के नए नियम राज्य में प्रशासनिक सुधारों को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाने का प्रयास हैं।

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