Book Ad



कुलदीप बिश्नोई का बड़ा खुलासा, मुझे तो डिप्टी सीएम और मंत्री का ऑफर मिला लेकिन मैं बिकाऊ....?

Kuldeep Bisnoi


Haryana-News: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे और बीजेपी नेता कुलदीप बिश्नोई के राजनीतिक करियर में इस समय चुनौतियां दिखाई दे रही हैं। हाल ही में, उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें राज्यसभा सीट के लिए चुनेगी, लेकिन पार्टी ने यह मौका राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रेखा शर्मा को दिया, जिन्होंने निर्विरोध जीत दर्ज की।

राजनीतिक झटकों का सामना

कुलदीप बिश्नोई को हाल के हरियाणा विधानसभा चुनावों में भी बड़ा झटका लगा, जब उनके बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर में हार गए। यह पहली बार हुआ जब बिश्नोई परिवार को 57 वर्षों में अपने गढ़ आदमपुर में हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, भव्य बिश्नोई ने नवंबर 2022 के उपचुनाव में जीत दर्ज कर अपने राजनीतिक सफर को पुनर्जीवित किया।

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा से इस्तीफा

कुलदीप बिश्नोई ने हाल ही में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया, जिस पर वे 12 वर्षों तक रहे। महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बुडियान द्वारा लगाए गए दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद यह इस्तीफा सामने आया। बिश्नोई ने अपने इस्तीफे में स्वामी रामानंद को महासभा का नया संरक्षक नामित किया और संगठन के शीर्ष पदों के लिए 29 सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की।

राज्यसभा सीट के लिए चर्चाएं

राज्यसभा सीट को लेकर कुलदीप बिश्नोई के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य बीजेपी नेताओं से मुलाकात की अटकलें थीं। कहा जा रहा था कि उन्होंने राज्यसभा सीट के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। हालांकि, इस पर उनका कहना है कि उन्हें पदों का लालच नहीं है।

कुलदीप बिश्नोई का बयान

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कुलदीप बिश्नोई ने कहा, "मुझे कभी पदों का लालच नहीं रहा। पहले भी मुझे केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया गया था, लेकिन मैंने कहा कि कुलदीप बिश्नोई बिकाऊ नहीं हैं।"
महासभा से इस्तीफे पर उन्होंने कहा, "पिता की मृत्यु के बाद मुझे यह जिम्मेदारी दी गई थी। मैंने 12 साल तक महासभा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। लेकिन राजनीतिक जिम्मेदारियों के कारण अब इस भूमिका को निभाने का समय नहीं है।"

कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे

कुलदीप बिश्नोई ने अगस्त 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा था। लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद से उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

भविष्य की चुनौतियां

कुलदीप बिश्नोई के समर्थकों के बीच यह सवाल है कि क्या बीजेपी में उनके राजनीतिक करियर को नई दिशा मिलेगी, या वे अपने समुदाय और राजनीतिक प्रभाव को बनाए रखने के लिए नई रणनीतियों पर काम करेंगे।

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url