हरियाणा में जाति प्रमाण पत्र के नियमों में बदलाव: अब इन जातियों को बनवाना होगा डीएससी सर्टिफिकेट
Haryana Update: हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जातियों (एससी) के प्रमाण पत्र के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब एससी को दो भागों में बांटा गया है, और कुछ जातियों के लिए डीएससी (डिवाइडेड शेड्यूल्ड कास्ट) प्रमाण पत्र बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह फैसला जातियों की पहचान और प्रमाणन प्रक्रिया को और अधिक स्पष्ट और संगठित बनाने के लिए लिया गया है।
किन जातियों को बनवाना होगा डीएससी प्रमाण पत्र?
निम्नलिखित जातियों के व्यक्तियों को अब अपने जाति प्रमाण पत्र को डीएससी सर्टिफिकेट में परिवर्तित करवाना होगा:
- धानक
- बाल्मीकि
- बंगाली
- बरार, बुरार, बरार
- बटवाल, बरवाला
- बौरिया, बावरिया
- बाजीगर
- भंजरा
- चनाल
- दागी
- दारैन
- देहा, धाय, धीया
- धर्मी
- ढोगरी, धांगरी, सिग्गी
- डुमना, महाशा, डूम
- गागरा
- गांधीला, गांडील, गोंडोला
- कबीरपंथी, जुलाहा
- खटीक
- कोरी, कोली
- मारिजा, मारेचा
- मजहबी, मजहबी सिख
- मेघ, मेघवाल
- नट, बड़ी
- ओड
- पासी
- पेरना
- फेरेरा
- सनहाई
- सनहाल
- सांसी, भेड़कुट, मनेश
- सनसोई
- सपेला, सपेरा
- सरेरा
- सिकलीगर, बैरिया
- सिरकीबंद
जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज
डीएससी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज अनिवार्य हैं:
- आधार कार्ड – पहचान और पते के प्रमाण के लिए।
- राशन कार्ड – परिवार का विवरण।
- वोटर आईडी – पहचान प्रमाण।
- स्वप्रमाणित घोषणा पत्र (Affidavit) – स्वप्रमाणन के लिए।
- पासपोर्ट साइज फोटो – पहचान के लिए।
- मोबाइल नंबर – संपर्क के लिए।
- ईमेल ऐड्रेस – डिजिटल संचार के लिए।
डीएससी प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया
- ऑनलाइन आवेदन:
- सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन करें।
- आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें और सभी आवश्यक जानकारी भरें।
- दस्तावेज़ अपलोड करें:
- आवश्यक दस्तावेज़ों की स्कैन कॉपी अपलोड करें।
- शुल्क का भुगतान:
- प्रक्रिया को पूरा करने के लिए नाममात्र शुल्क का भुगतान करें।
- सत्यापन:
- स्थानीय अधिकारियों द्वारा सत्यापन के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
बदलाव का कारण
यह कदम अनुसूचित जातियों के भीतर अलग-अलग समूहों की पहचान को स्पष्ट करने के लिए उठाया गया है। सरकार ने पाया कि कुछ विशेष जातियां एससी प्रमाण पत्र के दायरे में नहीं आती थीं, लेकिन उनके लिए अलग पहचान की आवश्यकता थी। डीएससी प्रमाण पत्र के माध्यम से इन जातियों को विशेष रूप से मान्यता दी जाएगी।
नए नियमों का प्रभाव
- सामाजिक: यह बदलाव समाज के भीतर जातियों की पहचान को और मजबूत बनाएगा।
- आर्थिक: पात्र व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं और आरक्षण का लाभ उठाने में आसानी होगी।
- प्रशासनिक: प्रमाण पत्र के नए स्वरूप से प्रशासनिक प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी।
सरकार द्वारा लागू किए गए ये नए नियम जाति प्रमाणन प्रक्रिया को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। डीएससी प्रमाण पत्र से संबंधित जातियों को जल्द से जल्द अपने दस्तावेज़ अपडेट करवाने चाहिए, ताकि वे सरकारी योजनाओं और लाभों से वंचित न रह जाएं।