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सिरसा में अंतर्यामी बाबा की कठोर तपस्या, 21 दिनों से बर्फ के पानी में, चुटकियों में करते हैं हर समस्या का ईलाज

Sirsa


सिरसा: सिरसा के गांव हांडीखेड़ा में एक अंतर्यामी बाबा संजय भक्त इन दिनों अपनी कठोर तपस्या के कारण चर्चाओं में हैं। बाबा संजय ठंडे पानी और बर्फ में घंटों बैठकर तप करते हैं। सिरसा में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है, ऐसे में जब लोग गर्म पानी का ही उपयोग करने में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं, बाबा संजय बर्फ और ठंडे पानी में तपस्या करने में जुटे हुए हैं। उनका मानना है कि इस तपस्या से लोगों के दुखों का निवारण होता है। बाबा संजय इस समय दिसंबर महीने में 21 दिनों की कठोर तपस्या में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि वह यह तप बालाजी महाराज की कृपा से कर रहे हैं और यही शक्ति उन्हें यह कठिन तप करने का हौंसला देती है।

बाबा संजय के तप का प्रभाव

बाबा संजय भक्त की तपस्या को देख कर हर कोई हैरान है। लोग अपने दुखों का इलाज करवाने के लिए बाबा के पास पहुंच रहे हैं। बाबा संजय मंदिर में आकर देसी तरीके से झाड़-फूंक और इलाज करते हैं। बाबा का कहना है कि उनके पास कोई विशेष शक्ति नहीं है, बल्कि बालाजी महाराज की कृपा से ही यह सब संभव हो रहा है। वह 5 बजे से 6 बजे तक ठंडे पानी और बर्फ में बैठकर तप करते हैं। बाबा संजय का मानना है कि उनके इस तप से न सिर्फ उनके शरीर की शुद्धि होती है, बल्कि दूसरों के दुख भी दूर होते हैं।

बाबा संजय भक्त का इलाज

बाबा संजय भक्त का इलाज पूरी तरह से मुफ्त होता है। वह अपने भक्तों से कोई भी पैसा नहीं लेते, केवल कुछ आशीर्वाद की वस्तुएं जैसे एक सूखा नारियल, शनिदेव महाराज के लिए सरसों के तेल की बोतल और मंगलवार को हनुमानजी के लिए एक धूप का डिब्बा लेते हैं। उनकी कड़ी तपस्या और देसी इलाज से लोग धीरे-धीरे उनकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं। दूर-दूर से लोग बाबा के दरबार में आकर अपना दुखड़ा सुनाते हैं और बाबा की मदद से ठीक हो जाते हैं।

बाबा संजय का विश्वास और उनके भक्त

बाबा संजय पिछले सात वर्षों से हनुमानजी और शिवजी की भक्ति में लीन हैं। उनका एक विशेष संबंध बालाजी महाराज से है, जिनकी कृपा से वह इस कठिन तपस्या को कर रहे हैं। सिरसा, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान से लोग बाबा के दरबार में आकर अपना इलाज करवाते हैं। बाबा संजय लाल घोटे वाली बजरंगबली की पोशाक पहनते हैं और उनके दरबार में हनुमानजी की गदा रखी रहती है। हर मंगलवार को हनुमानजी के भजन और शनिवार को शनिदेव महाराज के भजन होते हैं।

लोगों के अनुभव

बाबा संजय के पास आकर कई लोग अपना इलाज करवाने में सफल हुए हैं। जैसे कि सिरसा के सरकारी स्कूल की टीचर ज्योति ने बताया कि वह लंबे समय से सिर दर्द की समस्या से जूझ रही थीं और कई डॉक्टरों से इलाज करवा चुकी थीं, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। जब उन्होंने बाबा संजय के पास आकर उनका इलाज कराया, तो उन्हें राहत महसूस हुई और अब उन्हें उम्मीद है कि बाबा के नुस्खे से वह पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएंगी।

सिरसा की सब्जी मंडी के व्यापारी अंश कुमार ने भी अपनी पत्नी के इलाज के लिए बाबा के पास जाने का निर्णय लिया। उनकी पत्नी लंबे समय से सिर दर्द की समस्या से परेशान थी और कई डॉक्टरों के पास जाने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। जब उन्होंने बाबा संजय से इलाज कराया, तो उन्हें तुरंत फायदा हुआ और वह अब पूरी तरह स्वस्थ महसूस कर रहे हैं।

बाबा संजय का परिवार

बाबा संजय भक्त की पत्नी पूजा और उनकी माता संतरो रानी भी उनके कठोर तप से प्रभावित हैं। दोनों का कहना है कि बाबा संजय की यह तपस्या बालाजी महाराज के आशीर्वाद से संभव हो रही है और उनके इस तप से न केवल उनका परिवार, बल्कि दूर-दराज से आए हुए भक्त भी लाभान्वित हो रहे हैं। पूजा और संतरो का विश्वास है कि बाबा के देसी नुस्खे से कई गंभीर बीमारियों का इलाज संभव हो रहा है, जिनमें कैंसर और पैरों का दर्द भी शामिल है।

बाबा संजय का उद्देश्य

बाबा संजय का कहना है कि वह 6 दिसंबर से शुरू हुए अपने 21 दिनों के तप में कोई कमी नहीं आने देंगे। उनका उद्देश्य यह है कि वह अपने तप के माध्यम से मंदिर में आने वाले सभी भक्तों के दुखों का निवारण करें। वह इस तप के दौरान ठंडे पानी और बर्फ में बैठकर अपनी तपस्या पूरी करेंगे और यह सब कुछ बालाजी महाराज के आशीर्वाद से ही संभव होगा।

नोट: हमारा मकसद अंधविश्वास फैलाना नहीं है। ऐसे घटानाएं कई लोग भी करते रहे हैं। इसके पीछे साइंस भी हो सकता है। अत नया हरियाणा आपको आंखे मूंद कर विश्वास करने के लिए प्रेरित नहीं करता है।

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