हरियाणा सरकार का बड़ा कदम: ग्रामीण क्षेत्रों में 198 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर होंगे स्थापित, जानिए किस जिले में कितने खुलेंगे

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Haryana news: हरियाणा की नायब सैनी सरकार (Haryana Govt) ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश में कुल 198 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जाने की योजना है। प्रत्येक सेंटर की बिल्डिंग के निर्माण पर 40 लाख रुपयेखर्च किए जाएंगे।

जिलों के अनुसार सेंटर की संख्या

इन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में सबसे अधिक 45 सेंटर रेवाड़ी जिले में खोले जाएंगे। इसके बाद पानीपत में 24 और जींद में 21 सेंटर स्थापित किए जाएंगे। अन्य जिलों में भी सेंटर की स्थापना की जाएगी, जिनमें शामिल हैं:

  • भिवानी: 12
  • चरखी दादरी: 7
  • फतेहाबाद: 2
  • कैथल: 10
  • कुरुक्षेत्र: 7
  • हिसार: 7
  • झज्जर: 17
  • महेंद्रगढ़: 2
  • पलवल: 9
  • रोहतक: 15
  • सोनीपत: 5
  • यमुनानगर: 5

जींद जिले के गांवों को विशेष सौगात

जींद जिले के कंडेला, दनौदा, उचाना, कालवां, खरक रामजी, अलेवा, जुलाना, पिंडारा, सिल्लाखेड़ी, अंटा, बडनपुर, उझाना, पीपलथा, बराह कलां, पड़ाना, कालवा-1, खरकगागर, ढाठरथ और नगूरां गांवों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नए भवन बनाए जाएंगे।

क्या होंगी सुविधाएं?

इन हेल्थ सेंटरों पर 12 प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिनमें शामिल हैं:

  1. गर्भवती महिलाओं की जांच।
  2. नवजात और शिशु स्वास्थ्य देखभाल।
  3. बाल एवं किशोर स्वास्थ्य सेवाएं।
  4. बीपी, डायबिटीज, टीबी, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की मुफ्त जांच।

घर-घर स्वास्थ्य जांच और डिजिटल रिकॉर्ड

इन हेल्थ सेंटरों पर कार्यरत स्टाफ प्रत्येक गांव में जाकर परिवार के हर सदस्य की स्वास्थ्य जांच करेंगे। इनका डिजिटल और फिजिकल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में रखने के लिए प्रत्येक सेंटर पर दो टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे।

गर्भवती महिलाओं और वृद्धों को राहत

इन सेंटरों की स्थापना से ग्रामीण इलाकों के लोगों को सिविल अस्पतालों की भागदौड़ से राहत मिलेगी। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को अपने नजदीकी हेल्थ सेंटर पर ही जांच और दवाइयों की सुविधा मिलेगी। वृद्धावस्था संबंधित स्वास्थ्य जांच और प्राथमिक उपचार की सुविधा भी इन सेंटरों पर उपलब्ध होगी।

सरकार की बड़ी उपलब्धि

इस योजना से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि सिविल अस्पतालों में भीड़ भी कम होगी। सरकार के इस कदम को ग्रामीण इलाकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

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