Haryana Jobs: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के करीब 41 हजार पदों की भर्ती पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के कारण अटकी हुई है। इन भर्तियों को लेकर 6 मार्च को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।
हरियाणा सरकार ने भर्तियों पर लगी रोक हटवाने के लिए अपने कानूनी विशेषज्ञों को तैनात किया है। सरकार पूरी ताकत से हाईकोर्ट जाएगी और भर्ती पर लगी रोक को हटाने का हर संभव प्रयास करेगी। सरकार की मंशा है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले इन पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएं।
इससे पहले पिछले महीने ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ग्रुप-सी के विभिन्न ग्रुपों के 10,233 हजार पदों पर भर्ती निकाली है। फिलहाल टीजीटी शिक्षक भर्ती, ग्रुप सी 1, 2 और 56 और 57 को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कुछ अभ्यर्थियों ने आयोग द्वारा आर्थिक और सामाजिक आधार पर अतिरिक्त अंक दिए जाने पर आपत्ति जताई है। इसकी सुनवाई की तारीख छह मार्च तय की गयी है।
आयोग की ओर से अब तक ज्यादातर उन भर्तियों के नतीजे जारी किए जा चुके हैं, जिनमें आर्थिक और सामाजिक आधार पर बिना अतिरिक्त अंक वाले अभ्यर्थी मेरिट में हैं। हरियाणा सरकार ने भर्तियों पर लगी रोक हटाने के लिए अपने बड़े कानून विशेषज्ञों को जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि भर्तियां जल्द पूरी की जा सकें।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद बजट सत्र के दौरान विधानसभा में कह चुके हैं कि ग्रुप सी के 28 हजार और ग्रुप डी के 13 हजार पदों के नतीजे जल्द जारी किए जाएंगे। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि एचएसएससी ने अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सभी अभ्यर्थियों की नजर हाईकोर्ट के फैसले पर रहेगी और ये भर्तियां उसी फैसले पर आधारित हैं।
नौकरियों पर आधारित माहौल बनाने की तैयारी
हरियाणा सरकार और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की मंशा है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही सभी भर्तियों के नतीजे जारी कर चयनित उम्मीदवारों को नियुक्तियां दे दी जाएं।
इसके लिए राज्य सरकार ने चयनित अभ्यर्थियों को विशेष रियायतें भी दी हैं। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को आदेश जारी किए हैं कि एचपीएससी और एचएसएससी के चयनित अभ्यर्थियों को तुरंत विभाग में ज्वाइन कराया जाए और उनके दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया बाद में पूरी की जाए।
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