Haryana News: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो को आज बड़ी कामयाबी मिली है। एसीबी ने 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार रैकेट का भंडाफोड़ किया है। एसीबी ने एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के तहत इसका भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में एसीबी ने 10 वरिष्ठ अधिकारियों और 4 निजी लोगों यानी कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया है।
ब्यूरो प्रवक्ता ने कहा कि सहकारी समितियों के सहायक रजिस्ट्रार और जिला रजिस्ट्रार ने निजी लाभ के लिए धन का दुरुपयोग किया। आरोपियों द्वारा सरकारी खातों से पैसे का दुरुपयोग किया गया। आरोपियों ने धोखाधड़ी कर ट्रैक छिपाने का भी प्रयास किया। इसको लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो गहन साक्ष्य जुटाने में लगा हुआ है।
इन अधिकारियों द्वारा सरकारी रिकार्ड, बैंक खाता विवरण आदि में भी फर्जीवाड़ा किया गया। इस पूरे मामले में एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के नाम पर करीब 100 करोड़ रुपये का गबन किया गया। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ करनाल और अंबाला रेंज में केस दर्ज किया गया है।
ब्यूरो की टीम ने मामले में शामिल 6 राजपत्रित अधिकारियों, आईसीडीपी रेवाड़ी के 4 अन्य अधिकारियों और 4 निजी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। टीम ने ऑडिट अधिकारी बलविंदर, उप मुख्य लेखा परीक्षक योगेंद्र अग्रवाल, जिला रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, करनाल रोहित गुप्ता, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां (एआरसीएस) अनु चोश, रामकुमार, जितेंद्र कौशिक, कृष्ण बेनीवाल को गिरफ्तार किया है।
इसी विभाग के अकाउंटेंट सुमित अग्रवाल, आईडीपी रेवाड़ी, विकास अधिकारी नितिन शर्मा और विजय सिंह को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में चार निजी व्यक्तियों स्टालिन जीत, नताशा कौशिक, सुभाष और रेखा को भी गिरफ्तार किया गया है।
हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि भ्रष्टाचारी चाहे किसी भी विभाग का हो, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई तय है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी सरकारी काम के बदले रिश्वत मांगता है तो इसकी सूचना तुरंत हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के टोल फ्री नंबर 1800-180-2022 और 1064 पर दें।
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