Haryana News: एमएसपी गारंटी कानून समेत विभिन्न लंबित मांगों को पूरा कराने के लिए किसानों की ओर से 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने की तैयारी चल रही है। वहीं, किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए हरियाणा पुलिस भी अपने इंतजाम कर रही है।
सिरसा जिले के गांव खैरेकां के पास डबवाली-बठिंडा बॉर्डर और घग्गर नदी और नेशनल हाईवे 9 पर पुलिस बैरिकेडिंग के साथ-साथ भारी पत्थर जमा कर दिए गए हैं। वहीं, किसानों का कहना है कि वे अपनी मांगें मनवाने के लिए हर हाल में दिल्ली कूच जरूर करेंगे, चाहे उन पर गोली चले या लाठीचार्ज हो।
किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए सिरसा पुलिस लगातार तैयारी कर रही है। डबवाली पुलिस जिला बनने के बाद डबवाली पुलिस डबवाली-बठिंडा बॉर्डर पर क्रेन की मदद से बैरिकेड्स और पत्थर इकट्ठा कर किसानों को रोकने की व्यवस्था करने में जुटी हुई है।
वहीं, पुलिस घग्गर नदी और गांव खैरेंकां के पास बड़ी संख्या में पत्थर और बैरिकेड इकट्ठा करने में जुटी है, ताकि किसानों को सिरसा-फतेहाबाद मार्ग से दिल्ली जाने से रोका जा सके। लेकिन किसान संगठन गांव-गांव जाकर ट्रैक्टर ट्रॉली तैयार कर रहे हैं। उनका कहना है कि सिरसा से करीब 250 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।
बीकेई के प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह का कहना है कि किसान संगठन लंबित मांगों को पूरा करने के लिए 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे, जिसे 9 दिसंबर, 2021 को प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया था।
लखविंदर सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार और पुलिस की ओर से किसानों को रोकने की हर संभव कोशिश की जा रही है। यहां तक कि किसान नेताओं और किसानों को भी धमकाया जा रहा है। लखविंदर सिंह ने कहा कि सरकार चाहे कुछ भी कर ले, किसान हर हाल में दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि सिरसा जिले से करीब 250 ट्रैक्टर ट्रॉलियां दिल्ली की ओर कूच करेंगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार किसानों की रणनीति के मुताबिक किस गांव से कितनी ट्रॉलियां जाएंगी, इसका ब्योरा जारी नहीं किया जाएगा। ताकि पुलिस और सरकार को इस बात का पता न चले और 13 तारीख को ट्रैक्टर-ट्रॉलियां सड़क पर सामूहिक रूप से इकट्ठा होकर दिल्ली की ओर कूच करने लगें।
लखविंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि जिस तरह उन्होंने पहले गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर कृषि कानून वापस लेने की बात कही थी। इसी तरह चालू सत्र में उन्हें किसानों की कर्जमाफी समेत अन्य मांगों की भी घोषणा करनी चाहिए। इसे संसद में भी पारित किया जा सकता है। अगर प्रधानमंत्री उनकी मांगें पूरी कर दें तो भी वे खुशी-खुशी अपने घर पर रहेंगे।
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