BSd0TSYiGpC7GSG9TpO6TpG7Td==

आखिर ताऊ चौधरी देवी लाल ने क्यों ठुकराया था प्रधानमंत्री का पद? एक मात्र ऐसे नेता जिन्होंने पूरी देश की राजनीति बदल दी

Tau Devi Lal


भारत के ताऊ चौधरी देवीलाल: सोचो किसी को भारत का प्रधानमंत्री चुना जाए और वो बिना किसी स्वार्थ के इस पद को त्याद दे तो क्या कहेंगे। ऐसा भारत की राजनीति में हो चुका है। हम बात कर रहे हैं भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवालाल की।


चौधरी देवीलाल को "ताऊ देवीलाल" के नाम से भी जाना जाता है। देवीलाल हरियाणा के प्रमुख राजनेताओं में से एक थे, जिन्होंने 19 अक्टूबर 1989 से 21 जून 1991 तक भारत के उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। 


वह 21 जून 1977 से 28 जून 1979 तक और 17 जून से दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रहे। जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 1989। वैसे तो हरियाणा और देश की राजनीति से जुड़े उनके कई किस्से लोगों के बीच मशहूर हैं, लेकिन जो किस्सा हम आपको बताने जा रहे हैं वह बेहद खास है।


दरअसल, बात साल 1989 की है। उस दौरान देवीलाल की प्रमुख भूमिका के कारण देश में जनता दल की सरकार बनी थी। लोकसभा में केवल 10 प्रतिनिधि भेजने वाले हरियाणा के नेता चौधरी देवीलाल एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने देश की राजनीति को प्रभावित किया। 


इसी कारण सर्वसम्मति से देवीलाल को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन देवीलाल ने स्वयं यह पद स्वीकार करने से इंकार कर दिया। इसके पीछे की वजह बेहद दिलचस्प है।


प्रधानमंत्री का पद क्यों ठुकराया?


कहा जाता है कि चुनाव प्रक्रिया के बाद उनके और वीपी सिंह के बीच कुछ ऐसा हुआ था कि उन्होंने वीपी सिंह से वादा किया था कि उन्हें प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। 


हालाँकि, चुनाव के बाद नतीजे आये और देवीलाल को संसदीय दल का नेता भी चुना गया, लेकिन उन्होंने बड़े नाटकीय ढंग से बैठक में कहा कि उनकी जगह वीपी सिंह प्रधानमंत्री बनेंगे। उसके बाद देवीलाल को उप प्रधानमंत्री का पद लिया। 



1991, 1996 और 1998 में हार


उप प्रधानमंत्री बनने के बाद का समय चौधरी देवीलाल के लिए बहुत बुरा था। उसके बाद 1991, 1996 और 1998 में हुए तीन लोकसभा चुनावों में चौधरी देवीलाल हरियाणा की रोहतक सीट से खड़े हुए और तीनों चुनावों में अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भूपिंदर सिंह हुड्डा से हार गए। 


आख़िरकार उनके बेटे ओम प्रकाश चौटाला ने उन्हें 1998 में राज्यसभा का सदस्य बनाया और राज्यसभा सदस्य रहते हुए ही 2001 में उनका निधन हो गया।


चौधरी देवीलाल के बारे में भी जानिए


चौधरी देवीलाल के पिता का नाम लेखराम था। उनका जन्म 25 सितंबर 1914 को हिसार जिले के तेजाखेड़ा गांव में हुआ था। उन्होंने 1926 में हरखी देवी से शादी की। उनके कुल 5 बच्चे थे, जिनमें चार बेटे और एक बेटी थी। 


उनके बेटों के नाम हैं-ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत सिंह और जगदीश चौटाला। वर्तमान में उनके कई पोते-पोतियां हरियाणा की राजनीति में कई पार्टियों में सक्रिय हैं। 


इनमें प्रमुख हैं जननायक जनता पार्टी के संयोजक दुष्यन्त चौटाला, जो वर्तमान में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला के बेटे हैं।

Comments0

Type above and press Enter to search.