Haryana News: हरियाणा सरकार बनाने जा रही छात्रों के लिए नीति, अब निजी स्कूलों की तर्ज पर मिलेगी ये सुविधा

Haryana News: हरियाणा की खट्टर सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को निजी स्कूलों की तर्ज पर परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है।  इसके लिए ए…

Image

Haryana School


Haryana News: हरियाणा की खट्टर सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को निजी स्कूलों की तर्ज पर परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है। 


इसके लिए एक औपचारिक नीति लाई जा रही है। पहले चरण में विद्यार्थियों को और बाद में शिक्षकों को भी वाहनों से स्कूल पहुंचाने की योजना तैयार की जा रही है।


अधिकारियों को नीति बनाने के दिए निर्देश


इसके लिए हरियाणा सरकार ने बाकायदा अधिकारियों को नीति तैयार करने के निर्देश दिए थे। बाद में हरियाणा सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद 3 किलोमीटर या इससे अधिक दूरी के स्कूलों में जाने वाले सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को सुविधाएं देने की नीति की घोषणा की। 


ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। खास बात यह है कि इसके लिए बड़ी बसों से लेकर छोटी बसों से लेकर थ्री-व्हीलर और यहां तक कि छोटे वाहनों को भी इसमें शामिल करने पर मंथन चल रहा है और नए शैक्षणिक सत्र में इस योजना को लागू करने की तैयारी की जा रही है।


जल्द ही कमेटियों का गठन किया जाएगा


खास बात यह है कि जल्द ही स्कूल स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाएगा। इन समितियों को पैसा भेजने का काम सरकार करेगी। यह समिति वाहनों पर खर्च होने वाली राशि खर्च करेगी और इसका पूरा हिसाब-किताब रखेगी। 


इन समितियों की जिम्मेदारी होगी कि वे यह सुनिश्चित करें कि पैसा सही तरीके से खर्च हो और उसका दुरुपयोग न हो। कुल मिलाकर योजना का मसौदा तैयार है, तीन किलोमीटर या इससे अधिक दूरी तक जाने वाले सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को वाहन उपलब्ध कराकर सरकार एक अच्छा तोहफा देना चाहती है।


स्कूलों के विलय के बाद मुश्किलें


कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के विलय के बाद छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे निपटने के लिए सरकार ने गाइडलाइन जारी की थी, इस पर आला अधिकारियों ने निजी स्कूलों की तर्ज पर इन्हें वाहन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।

You may like these posts

Comments

सबसे ज्यादा पढ़ी गई ख़बर