Rohtak Lok Sabha Constituency History : रोहतक लोकसभा क्षेत्र हरियाणा के सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र जाट बहुल है, और इसकी राजनीतिक दृष्टि से हमेशा से ही अहमियत रही है।
रोहतक लोकसभा क्षेत्र में 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें से 5 विधानसभा क्षेत्र रोहतक जिले में, 4 विधानसभा क्षेत्र झज्जर जिले में, और 1 विधानसभा क्षेत्र रेवाड़ी जिले में आता है।
1952 से लेकर 2019 तक यहां कुल 19 लोकसभा चुनाव हुए है। इन चुनाव में 11 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इन जीत में ज्यादातर जीत हुड्डा परिवार के सदस्य ने ही की है। तीन बार रणबीर सिंह हुड्डा, 4 बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा और तीन बार ही दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने यहां से जीत दर्ज की है।
रोहतक लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास 1952 से शुरू होता है। 1952 के लोकसभा चुनाव में, इस क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा ने जीत हासिल की। उन्होंने लगातार 2 बार 1952,1957 में जीत दर्ज की।
भूपेंद्र हुड्डा के पिता रणबीर सिंह हुड्डा ने यहां से तीन बार जीत दर्ज की है। रणबीर सिंह हुड्डा ने कांग्रेस से चुनाव लड़ते हुए 1952, 1957 और 1967 में जीत दर्ज की।
इस सीट पर जननायक चौधरी देवीलाल ने एक बार जीत दर्ज की है। 1991 में ताऊ चौधरी ने जनता दल से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद लगातार भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीन बार जीत दर्ज की।
चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा के बाद, उनके पुत्र भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 1991, 1996, 1998, 2004 जीत दर्ज की। 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने जीत हासिल की।
1998 के लोकसभा चुनाव में, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के प्रत्याशी चौधरी देवीलाल सिहाग (ताऊ देवीलाल) को मात्र 383 मतों के अंतर से हराया था। यह चुनाव इतिहास में सबसे कम मतों के अंतर से जीता गया चुनाव माना जाता है।
2019 के लोकसभा चुनाव में, भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस क्षेत्र से चुनाव लड़ा। दीपेंद्र सिंह हुड्डा भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अरविंद शर्मा से मात्र 7 हजार 503 तीन वोंटों से हारे।
रोहतक लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास बताता है कि इस क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा रहा है। हालांकि, 1999 के लोकसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरा दिया।
रोहतक लोकसभा क्षेत्र हरियाणा की राजनीति में अहम भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र का चुनावी परिणाम हरियाणा की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
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साल |
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विजेता |
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पार्टी |
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1952 |
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रणबीर सिंह हुड्डा |
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कांग्रेस |
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1957 |
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रणबीर सिंह हुड्डा |
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कांग्रेस |
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1962 |
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लेहरी सिंह |
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भारतीय जनसंघ |
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1967 |
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रणबीर सिंह हुड्डा |
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कांग्रेस |
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1971 |
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मुख्तियार सिंह मलिक |
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भारतीय जनसंघ |
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1977 |
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शेर सिंह |
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जनता पार्टी |
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1980 |
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इंद्रवेश स्वामी |
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जनता पार्टी (सेक्युलर) |
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1984 |
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हरद्वारी लाल |
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कांग्रेस |
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1987 |
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हरद्वारी लाल |
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लोक दल |
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1989 |
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चोधरी देवीलाल |
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जनता दल |
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1991 |
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा |
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कांग्रेस |
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1996 |
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा |
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कांग्रेस |
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1998 |
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा |
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कांग्रेस |
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1999 |
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इंदर सिंह |
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इनेलो |
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2004 |
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा |
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कांग्रेस |
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2005 |
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दीपेंद्र सिंह हुड्डा |
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कांग्रेस |
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2009 |
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दीपेंद्र सिंह हुड्डा |
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कांग्रेस |
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2014 |
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दीपेंद्र सिंह हुड्डा |
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कांग्रेस |
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2019 |
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अरविंद शर्मा |
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भाजपा |
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रोहतक लोकसभा सीट की प्रमुख बातें
रोहतक सीट एक जाट बहुल सीट है। यहां हमेशा से ही हुड्डा परिवार का दबदबा रहा है।
- इस सीट पर कांग्रेस हमेशा से ही हावी रही है।
- कांग्रेस इस सीट से 11 बार जीत चुकी है।
- इस सीट पर इतिहास की लोकसभा में छोटी जीत भी दर्ज है।
- यहां से भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल भी जीत दर्ज कर चुके है।
रोहतक लोकसभा में आने वाली विधानसभा सीटें
1. रोहतक
2. बेरी
3. महम
4. झज्जर
5. बहादुरगढ़
6. कोसली
7. कलानौर
8. बादली
9. गढ़ी सांपला किलोई
2024 के चुनाव: भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर
2024 के आम चुनाव में रोहतक लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। हालांकि हुड्डा परिवार का दबदबा होने कारण कहा जा सकता है कि कांग्रेस का इस बार पलड़ा ज्यादा भारी है।
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