Meri Fasal Mera Byora : मेरी फसल मेरा ब्यौरा की रजिस्ट्रेशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव, जानें अब क्या करना होगा?

Meri Fasal Mera Byora:  खेतों में फसल पककर बाजार में बिकने के लिए तैयार होने के बावजूद मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करा पाने की स्थिति में सरकार ने मेरी फसल म…

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Meri Fasal Mera Byora


Meri Fasal Mera Byora:  खेतों में फसल पककर बाजार में बिकने के लिए तैयार होने के बावजूद मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करा पाने की स्थिति में सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण नीति में संशोधन किया है। 


सरकार के मुताबिक अब खेती करने वाले किसानों को जमीन मालिक की सहमति से ओटीपी जारी किया जाएगा। किसी भी विवाद में सक्षम प्राधिकारी द्वारा उचित निर्णय लिया जायेगा।



सरकार के इस जवाब पर हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता पक्ष ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण नीति में संशोधन को चुनौती नहीं दी है। लेकिन अदालत उसके किसी भी कानूनी अधिकार को नहीं रोकती, वह चाहे तो कानून के मुताबिक किसी भी नीति को चुनौती दे सकता है।



हाईकोर्ट ने यह आदेश दर्जनों किसानों की ओर से दायर याचिका का निपटारा करते हुए दिया। हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। याचिका दाखिल करते हुए कुरुक्षेत्र निवासी किसान नेता गुरनाम सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट को बताया कि राज्य में किसानों को फसल मंडी में बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है।



प्रदेश में ऐसे हजारों किसान हैं जो पंचायती जमीन या अन्य जमीन पर खेती करते हैं। जमीन का मालिकाना हक पंचायत या अन्य के पास होने के कारण मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण के लिए ओटीपी पंचायत या जमीन मालिक के पास आता है। 


अधिकांश मामलों में किसानों को ओटीपी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिससे किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है। अगर फसल समय पर बाजार में नहीं बिकी तो उन्हें भारी नुकसान होगा। ऐसे में सरकार को किसानों को ओटीपी उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया जाए।

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