Naya Haryana News: हरियाणा के ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों को सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है। गांवों में पानी के बिल माफ किए जा सकते हैं। पब्लिक हेल्थ विभाग की ओर से इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया है। पानी के बिल माफी योजना का पूरा प्रारुप तैयार हो चुका है। बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह एजेंडा पेश किया जा सकता है।
दरअसल, ग्रामीणों पर पानी बिल के 350 करोड़ रुपये से अधिक बकाया हैं। इसमें ब्याज और जुर्माने की राशि भी शामिल है। सरकार ने कई विभागों में इस तरह के मामलों के निपटारे के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम शुरू की हुई है। माना जा रहा है कि अब जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में भी ऐसी ही योजना लाई जा सकती है। विभाग की ओर से एजेंडे में दोनों विकल्प दिए हैं। पहला विकल्प पूरी राशि माफ करने का है और दूसरा ब्याज और जुर्माना राशि माफ करने का है।
अब यह मंत्रिमंडल की बैठक में तय होगा कि दोनों विकल्पों में से किस पर मुहर लगती है। यहां बता दें कि ग्रामीण इलाकों में सामान्य वर्ग के परिवारों को 40 रुपये मासिक के हिसाब से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। वहीं अनुसूचित जाति के लोगों के लिए मासिक शुल्क 20 रुपये तय किया हुआ है। केंद्र सरकार की हर घर जल से नल योजना के तहत सरकार अधिकांश गांवों में टूटी से पानी पहुंचाने का काम कर चुकी है। इससे पानी की बर्बादी पर भी रोक लगी है।
इसी तरह ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर को भी चालान करने के अधिकार दिए जा सकते हैं। इसके लिए सरकार नियमों में बदलाव करेगी। परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क की ओर से इसका एजेंडा तैयार किया जा चुका है। परिवहन विभाग में स्टॉफ की कमी है। ऐसे में इंस्पेक्टर को अधिकार देने के लिए नियमों में बदलाव हो रहा है। डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर अगर चाहेंगे तो वे इंस्पेक्टर को ये पावर दे सकेंगे। इसके लिए पहले उन्हें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से परमिशन लेनी होगी।
कैबिनेट की बैठक में कई विभागों के कर्मचारियों के सेवा नियमों में बदलाव का भी एजेंडा पेश किया जा सकता है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कार्य (आवंटन) नियम-1974 में बदलाव हो सकता है। हरियाणा शैक्षिक (कॉलेज) में क्लास-2 के सेवा नियम-1986 में संशोधन का प्रारुप भी बैठक में रखा जा सकता है। इसी तरह हरियाणा राज्य वन कार्यकारी अनुभाग (ग्रुप-सी) सेवा नियम-1988 और वन्य प्राणी परिरक्षण विभाग राज्य सेवा कार्यकारी (समूह-क व ख) के सेवा नियम-1988 में संशोधन किया जा सकता है।
पुलिस भर्ती नियमों पर फंसा पेच
हरियाणा पुलिस भर्ती के नियमों में संशोधन का मामला फिलहाल लटक सकता है। सरकार भर्ती नियमों में तीसरी बार बदलाव कर रही है। बताते हैं कि किन्हीं कारणों की वजह से संशोधन का प्रारुप अभी तय नहीं हो पाया है। ऐसे में यह एजेंडा इस बार कैबिनेट में आने के कम आसार हैं। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को 5000 पुरुष और 1000 महिला कांस्टेबल की भर्ती करनी है। नियमों को लेकर होम सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद, डीजीपी शत्रुजीत कपूर और चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी के बीच बैठक हो सकती है। ऐसे में यह एजेंडा अगली कैबिनेट में आने की अधिक संभावना है। लिखित परीक्षा 94.5 अंकों की करने की प्लानिंग है। सामाजिक-आर्थिक मानदंड के लिए ढाई अंक प्रस्तावित किए हैं। वहीं एनसीसी सर्टिफिकेट वालों को तीन अंक देने के प्रावधान करने की योजना है।
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