Sirsa News: सरकार से मंजूरी मिलने के बावजूद सिंचाई के लिए दो माइनर (खरीफ नहर) का निर्माण न होने से नाराज 15 गांवों के किसानों ने लघु सचिवालय सिरसा के बाहर पक्का मोर्चा लगा लिया है। उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
किसानों का कहना है कि माइनर के निर्माण के लिए सरकार से अनुदान मिलने के बावजूद माइनर का निर्माण नहीं कराया गया है, जिससे किसान ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक दोनों (धिगतनिया और भम्बूर माइनर) का काम शुरू नहीं हो जाता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
संघर्ष समिति के प्रधान हीरा सिंह का कहना है कि सिंचाई के लिए दो माइनरों के लिए 15 गांवों के लोग लगातार संघर्ष कर रहे थे। 2014 में सरकार ने दोनों खदानों के निर्माण को मंजूरी दे दी और 2019 में सरकार ने बजट भी पास कर दिया।
जिसमें एक माइनर के लिए 54 करोड़ 6 लाख रुपए और दूसरे माइनर के लिए 12 करोड़ 26 लाख रुपए स्वीकृत किए गए।
हीरा सिंह ने कहा कि पैसा आने के बावजूद दोनों माइनरों में से किसी का भी निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो सका है। जिससे किसानों में काफी आक्रोश है।
हीरा सिंह ने कहा कि उन्होंने माइनर के निर्माण के लिए सिरसा के विधायक और सांसद से भी गुहार लगाई थी, लेकिन अभी तक माइनर का निर्माण नहीं हुआ है। जिससे किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
हीरा सिंह ने कहा कि अब समिति ने संघर्ष करने का निर्णय लिया है। जिसके चलते वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं और जब तक दोनों अधिकारों पर काम शुरू नहीं हो जाता, तब तक वे इसी तरह डटे रहकर बैठे रहेंगे।
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