Haryana News: हरियाणा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट मीटिंग में कहा गया है कि कबूतरबाजी के बढ़ते मामलों पर अब शिकंजा कसा जाएगा।
कबूतरबाज़ी के मामलों में दोषी पाए जाने वालों को तीन से 10 साल तक की सज़ा दी जाएगी। इतना ही नहीं उन पर 2 से 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में वीजा, वर्क परमिट और स्टडी वीजा के नाम पर युवाओं से धोखाधड़ी पर नकेल कसने के लिए कानून बनाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में गृह मंत्री अनिल विज द्वारा रखे गए 'हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन ट्रैवल एजेंट एक्ट-2023' के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी गई। यह बिल 20 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में पेश किया जाएगा।
हरियाणा में ट्रैवल एजेंट बड़ी संख्या में युवाओं को स्टडी वीजा, सामान्य वीजा और वर्क परमिट के आधार पर विदेश भेजने का काम कर रहे हैं। इनमें से कोई भी पंजीकृत नहीं है।
विधेयक के मसौदे के तहत सभी ट्रैवल एजेंटों को सरकार के पास पंजीकरण कराना होगा। यह भी साफ कर दिया गया है कि कबूतरबाजी के मामलों को सरकार मानव तस्करी मानेगी।
इसके तहत दोषी पाए जाने पर ट्रैवल एजेंट को कम से कम 3 और अधिकतम 10 साल की सजा होगी। बिल में 2 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक जुर्माने का भी प्रावधान है।
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