Haryana News: फरीदाबाद एनआईटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक नीरज शर्मा को जिला पुलिस ने गणतंत्र दिवस वाले दिन दोपहर को हिरासत में ले लिया और उन्हें पानीपत के विश्राम गृह में रखा गया। इसकी जानकारी मिलते ही नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा मौके पर पहुंचे।
उन्होंने खुद विधायक नीरज शर्मा का हाथ पकड़कर पूछा कि आपको कौन रोक सकता है। आप मौजूदा विधायक हैं। उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों से यह भी पूछा कि आप किस अधिकार से मौजूदा विधायक को रोक सकते हैं। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा उन्हें अपनी गाड़ी में बैठाकर अपने साथ ले गए।
इसके बाद विधायक ने कहा कि ‘अगर भूपेन्द्र सिंह हुडडा न होते तो मेरी हत्या हो सकती थी। जिस तरह से मुझे गेस्ट हाउस में रखा गया, मेरा मोबाइल छीनने की कोशिश की गई, मेरे साथ धक्का-मुक्की की गई, ये हरियाणा सरकार का मेरे प्रति बहुत ही अनुचित व्यवहार था। यहां तक कि मुझे अपने रिश्तेदारों से भी नहीं मिलने दिया गया। यहां तक कि जहां मुझे रखा गया था वहां से शीशे भी बंद कर दिए गए। किसी उग्रवादी के साथ भी कोई ऐसा व्यवहार नहीं करता, फिर भी मैं विधायक हूं।’
विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि उनके पिता नहीं हैं लेकिन आज के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा उनके लिए भगवान बनकर आये। वह उनके पिता के समान हैं। यदि आज भूपेन्द्र सिंह हुडडा ने हस्तक्षेप न किया होता तो वह जीवित नहीं मिलते बल्कि उनका शव मिलता। उनके पास पानीपत के डीसी की ओर से भी निमंत्रण था, फिर भी पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही हिरासत में ले लिया।
आपको बता दें कि विधायक नीरज शर्मा को फरीदाबाद एनआईटी 86 विधानसभा में जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बाद वह राज्यपाल के रात्रिभोज में शामिल होने के लिए पानीपत रिफाइनरी टाउनशिप पहुंचे। पहले तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और एक रेस्ट हाउस में रखा। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा उन्हें अपनी गाड़ी में अपने साथ ले गए।
पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री की कार को रिफाइनरी टाउनशिप के बाहर रोक लिया। यहां से फिर विधायक नीरज शर्मा को वापस भेज दिया गया। विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि सरकार के पास भ्रष्टाचार रोकने के लिए 200 करोड़ रुपये हैं, लेकिन उनकी विधानसभा में विकास कराने के लिए 28 करोड़ रुपये नहीं हैं।
वर्तमान सरकार भले ही राम के नाम की बात करती है, लेकिन उन्होंने अपने कपड़ों और स्वास्तिक चिन्ह पर जय सियाराम लिखवा लिया है। यहां तक कि सीताराम की चौपाई भी लिखी गई है। इसके साथ ही उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को भी अपनी शर्ट पर लिखा है जिसके कारण उन्हें बार-बार परेशान किया जा रहा है।
इस बीच, नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन ने जिस तरह से एक विधायक को सड़क से हिरासत में लिया है, वह बहुत गलत है। वह मौजूदा विधायक हैं, कोई अपराधी नहीं। ये उनका अधिकार है।
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्हें राज्यपाल की ओर से निमंत्रण भी मिला था। इसके बावजूद उन्हें रास्ते में रोककर हिरासत में लिया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।
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