डबवाली: आप नेत्री पूनम गोदारा तेजाखेड़ा ने सीडीएलयू सिरसा में एक प्रोफेसर पर गुमनाम पत्र द्वारा लगाए गए छेड़छाड़ के आरोपों पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्राओं द्वारा उक्त आरोप लगाना एक गंभीर मामला है जिस पर गहनता से जांच किए जाने की आवश्यकता है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं का नारा देने वाली भाजपा गठबंधन सरकार को इस पर तुरंत कड़ा संज्ञान ले कर बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
शनिवार को जारी प्रैस बयान में पूनम गोदारा ने कहा है कि उचाना के बाद अब सिरसा का यह बड़ा मामला सामने आना बेटियों की सुरक्षा पर अनेक सवाल खड़े करता है। अभिभावक स्कूल, कॉलेजो में अपनी बेटियों को पढ़ने के लिए भेजते हैं और जब ऐसी घटनाएं सामने आती हैं तो उनके मन में अंदर तक डर बैठ जाता है। छात्राओं की शिकायत पर उच्च पदों पर बैठे विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कार्रवाई क्यों नहीं की?, क्यों छात्राओं की सुरक्षा के लिए कदम नहीं उठाए गए?।
उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा में मंदिर में भी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं तो वे पढ़ाई कैसे कर पाएंगी? अभिभावक उन्हें किसके भरोसे स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने के लिए भेज पाएंगे? यह सब सवाल हैं जिसके बारे में प्रदेश की सरकार को विचार कर इतने कड़े कदम उठाने चाहिए कि कानून व्यवस्था की स्थिति पर उंगलियां न उठें। अपराधियों के मन में कानून का खौफ होना चाहिए। खासकर स्कूल-कॉलेजों में बेटियों की सुरक्षा को लेकर सरकार को विशेष कार्य योजना बनाकर उसे जल्द अमल में लाना चाहिए। गुमनाम पत्र में प्रोफेसर को राजनीतिक संरक्षण की बात भी बताई गई है जिसके बारे में भी जांच कर खुलासा होना चाहिए।
पूनम गोदारा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से अपील की है कि बेटियों को सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच व उचित कार्रवाई करें और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाकर बेटियों को न्याय दिलाएं।
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