Haryana News : हरियाणा सरकार ने कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखरेख की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। प्रदेशभर में कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए 335 और क्रेच स्थापित किए जाएंगे। अभी तक सरकार 165 क्रेच शुरू कर चुकी है। महिला सशक्तीकरण को लेकर और भी कई तरह की योजनाएं सरकार ने शुरू की हैं। सीएम मनोहर लाल का मानना है कि महिलाओं को अगर अवसर मिलें तो वे बुलंदियों को छू सकती हैं।
सरकार की बेहतर योजनाओं का ही नतीजा है कि लड़कियां शिक्षा से लेकर खेलों में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। अब माता-पिता बेटियों को बोझ नहीं मानते हैं बल्कि उन्हें बेहतर शिक्षा पाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आंकड़ों पर अगर नज़र डालें तो अक्तूबर-2014 में प्रदेश में 1000 लड़कों पर 871 लड़कियां थी। लिंगानुपात पूरी तरह से बिगड़ा हुआ था। अब यह आंकड़ा 1000 लड़कों पर बढ़कर 932 हो गया है।
सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि राज्य में बेटियों को पढ़ने व खेलने की पूरी आजादी दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने व अन्य विकासात्मक गतिविधियों को पूरा करने में असुविधा न हो इसको लेकर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण किशोरी बालिका पुरस्कार योजना लागू की है। इसके जिसके तहत लड़कियों को पुरस्कृत किया जाता है। इसके परिणाम भी अच्छे आए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में लड़कियों के शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार आया है। प्रदेश सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य से लेकर उनकी सुरक्षा के प्रति भी गंभीर हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा व उनकी हर पल मदद के लिए महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 शुरू की है। संकट में होने पर महिला उक्त नंबर पर काॅल करती है तो पुलिस चंद मिनट में उसकी मदद के लिए पहुंच जाती है। यह हेल्पलाइन महिलाओं के लिए बहुत कारगर साबित हुई है। दुर्गा शक्ति एप, दुर्गा शक्ति वाहिनी, दुर्गा शक्ति रैपिड फोर्स भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के मामलों में तेजी से सुनवाई हो, इसके लिए सरकार ने 16 महिला फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए हैं।
बस अड्डों पर महिलाओं के साथ कोई अभद्र व्यवहार न कर सकें। इसके लिए प्रदेश के सभी बस अड्डों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए ‘ग्रामीण किशोरी बालिकाओं को पुरस्कार योजना के अंतर्गत दी जाने वाली अवार्ड राशि में बढ़ोतरी की है।
पंचायतों में भी बढ़ा महिलाओं का दखल
मनोहर सरकार ने पंचायतों में महिलाओं को सम्मान दिलाया है। पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया गया है। बेटियों को आगे बढ़ाने व महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। राशन डिपो के लिए भी महिलाओं को 33 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व दिया है। सुकन्या समृद्धि खाता योजना के तहत विभिन्न डाकघरों में 7.38 लाख खाते खोले हैं। प्रदेश सरकार ने गांव से लेकर शहर तक अभिभावकों को जागरूक किया है कि बेटियों को बोझ न समझें।
शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों के बढ़े कदम
प्रदेश सरकार ने लड़कियों के शिक्षा के स्तर को सुधारने में अहम योगदान दिया है। आईटीआई में पढ़ने वाली छात्राओं को प्रतिमाह 500 रुपये का वजीफा दिया जाता है। छात्राओं को स्कूल व कालेज में जाने के लिए रोडवेज की बसों में 150 किलोमीटर की मुफ्त यात्री की सुविधा दी गई है। महिलाओं को आवाजाही में दिक्कत हो, इसके लिए 158 मार्गों पर 173 बसें चलाई गई हैं।
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