Haryana Election 2024 : ऐलनाबाद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सिरसा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है और हरियाणा राज्य के सिरसा जिले में स्थित है। राजस्थान से सीमा से सटी इस पर ज्यादातर चौटाला परिवार जीतता आया है। यहां पहला चुनाव 1967 में हुआ।
सन 2000 से लेकर मौजूदा समय तक यहां पर इंडियन नेशनल लोकदल जीतती आई है। एक बार हरियाणा के पूर्व मुख्यंमत्री तो 4 बार उनके छोटे बेटे अभय चौटाला यहां से जीत दर्ज कर चुके है।
इस सीट पर पहले चुनाव में भी चौटाला परिवार के सदस्य ने जीत दर्ज की। ये बात अलग थी उस समय कांग्रेस ने ये सीट जीती थी। 1967 में प्रताप सिंह चौटाला ने यहां से जीत दर्ज की। उन्होंने आजाद उम्मीदवार लाल चंद को हराया।
इसके बाद 1968 में हुए चुनाव में विशाल हरियाणा पार्टी के लाल चंद ने यहां से चुनाव जीता। उन्होंने इस बार कांग्रेस के ओम प्रकाश को हराया। 1972 में इस सीट से कांग्रेस ने वापसी की। इस बार कांग्रेस के बृज लाल ने जीत दर्ज की।
1977 में जनता पार्टी ने यहां से भागी राम को अपना उम्मीदवार बनाया। भागी राम ने तब अपनी पहली जीत दर्ज की। 1982 में भी भागी राम ने लोकदल से चुनाव जीता। 1987 में लोकदल ने अपना उम्मीदवार भागी राम को बनाया और यहां से जीत दर्ज की।
भागी राम ने 1991 में फिर जनता पार्टी से चुनाव लड़ा। इस बार कांग्रेस के मनी राम से हार का सामना करना पड़ा। 1996 में फिर भागी राम ने पार्टी बदल ली और इस बार वो समता पार्टी से चुनावी मैदान में उतरे। इस बार फिर उन्हें जीत मिली। भागी राम ने हरियाणा विकास पार्टी के कर्नेल सिंह को हराया।
इसके बाद भागी राम इनेलो में शामिल हो गए। 2000 में उन्होंने इनेलो की और से चुनाव लड़ा और जीते। इस बार भागी राम ने कांग्रेस को हराया। यहीं कारण है कि भागी राम को हरियाणा का राजनीति का सबसे बड़ा दल बदलू भी कहा जाता है।
2005 में यहां से सुशील कुमरा इंदौरा ने इनेलो की सीट पर जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के मनी राम को हराया। 2009 में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने यहां से जीत दर्ज की। चौटाला ने भरत सिंह बैनीवाल को हराया।
ओम प्रकाश चौटाला को जेबीटी घोटाला में 10 साल की सजा होने के बाद 2010 में इस सीट पर उप चुनाव हुआ। इस बार इस सीट से अभय चौटाला को मैदा में उतारा गया। अभय चौटाला ने फिर कांग्रेस के भरत सिंह बैनीवाल को हराया।
2014 में मोदी लहर के दौरान भी यहां से इनेलो ने जीत दर्ज की। इस बार अभय चौटाला ने कांग्रेस से बीजेपी में गए पवन बैनीवाल को हराया। अभय ने पवन को 11,539 वोटों से हराया।
2019 में भी अभय चौटाला के वोटों में कोई अंतर नहीं आया। इस चुनाव में अभय चौटाला ने बीजेपी के पवन बैनीवाल को 11,922 वोटों से हराया। हालांकि कांग्रेस की और भरत सिंह बेनीवाल को मैदान में उतारने से वोट प्रतिशत जरूर घटा लेकिन अभय की जीत का अंतर नहीं बदला।
इसके बाद अभय चौटाला ने किसान आंदोलन के समर्थन में 2021 में अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद यहां उपचुनाव हुआ। इस उपचुनाव में इस बार अभय चौटाला की टक्कर बीजेपी के गोबिंद कांडा से हुई।
2021 में अभय चौटाला ने गोबिंद कांडा को हराकर लगातार चौथी बार जीत दर्ज की। इस बार वोट प्रतिशत बढ़ गया लेकिन जीत अंतर थोड़ा घट गया। अभय ने इस बार 6,739 वोटों से जीत दर्ज की।
ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा बार चुनाव भागी राम ने जीता है। भागी राम यहां से 5 बार चुनाव जीता। इस दौरान उन्होंने चार पार्टियां बदली। यहां वजह है कि उन्हें दल बदलू नेता कहा जाता है।
अभय चौटाला ने यहां से 4 बार चुनाव जीता है। एक बार पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने चुनाव जीता है। जबकि इनेलो ने यहां से 15 चुनाव में सबसे ज्यादा 7 बार चुनाव जीता है।
अब 2024 की बिसात भी बिछ चुकी है। इस बार भी मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है। इस जहां पवन बैनीवाल कांग्रेस में वापसी कर चुके है वहीं बीजेपी के लिए गोबिंद कांडा फिर से अभय चौटाला के सामने मैदान में दिखाई दे सकते है।
ऐलनाबाद विधानसभा सीट का पूरा राजनीतिक इतिहास
चुनाव |
विजेता |
पार्टी |
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2021 (By-election) |
अभय सिंह चौटाला |
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इनेलो |
2019 |
अभय सिंह चौटाला |
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इनेलो |
2014 |
अभय सिंह चौटाला |
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इनेलो |
2010 (By-election) |
अभय सिंह चौटाला |
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इनेलो |
2009 |
ओम प्रकाश चौटाला |
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इनेलो |
2005 |
सुशील कुमार इंदौरा |
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इनेलो |
2000 |
भागी राम |
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इनेलो |
1996 |
भागी राम |
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समता पार्टी |
1991 |
मनी राम |
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कांग्रेस |
1987 |
भागी राम |
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लोकदल |
1982 |
भागी राम |
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लोकदल |
1977 |
भागी राम |
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जनता दल |
1972 |
बृज लाल |
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कांग्रेस |
1968 |
लाल चंद |
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विशाल हरियाणा पार्टी |
1967 |
प्रताप सिंह चौटाला |
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कांग्रेस |
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