चंडीगढ़: हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के बीच विवाद अभी तक नहीं सुलझा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अनिल विज के हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शामिल होने की संभावना कम है।
दरअसल हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी के बीच चल रहा गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है।
गुरुवार को सीएम मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बीच आधे घंटे की बैठक के बाद भी मामला जस का तस बना हुआ है।
यह स्थिति तब है जब उस अधिकारी की मौजूदगी में दोनों के बीच बातचीत हुई थी जिसे लेकर विज नाराज हैं। इस विवाद को सुलझाने की गेंद अब मुख्यमंत्री के पाले में है। संकेत हैं कि अगर बातचीत सिरे नहीं चढ़ी तो अनिल विज विधानसभा के शीतकालीन सत्र से भी दूर रह सकते हैं।
उन्होंने पहले ही संकेत दे दिया है कि अगर कोई विधायक स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा सवाल पूछेगा तो वे उसका जवाब नहीं देंगे। इसका जवाब तो मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी ही देंगे, हालांकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। सदन में किसी भी विधायक के सवालों का जवाब देने की पात्रता की श्रेणी में सरकार का कोई मंत्री ही आता है।
15 दिसंबर से शीतकालीन सत्र शुरू होगा
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होगा। पक्ष और विपक्ष के कई विधायकों ने स्वास्थ्य विभाग को लेकर तीन दर्जन से ज्यादा सवाल उठाए हैं। ऐसे में इन सवालों का जवाब देना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी।
अनिल विज दो महीने से ज्यादा समय से स्वास्थ्य विभाग का कामकाज नहीं देख रहे हैं। विज न केवल बैठक करने वाले सीएमओ अधिकारी से नाराज हैं बल्कि विभाग के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी से भी संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने सीएम के सामने दोनों मुद्दों को विस्तार से रखा है।
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