Haryana News: हरियाणा सरकार को मिली बड़ी कामयाबी, अब तक 90 हजार से अधिक कर्मचारियों को ठेकेदारों के ‘चंगुल’ से बाहर निकाला

Haryana News : हरियाणा सरकार अब तक 90 हजार से अधिक कर्मचारियों को ठेकेदारों के ‘चंगुल’ से बाहर निकाल चुकी है। विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों में ठेकेदारों के जरिये कर्मचारियो…

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CM Manohar Lal


Haryana News : हरियाणा सरकार अब तक 90 हजार से अधिक कर्मचारियों को ठेकेदारों के ‘चंगुल’ से बाहर निकाल चुकी है। विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों में ठेकेदारों के जरिये कर्मचारियों को रखा जाता था। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में ठेकेदारी प्रथा को खत्म करने का वादा किया था। मनोहर पार्ट-।। में ठेकेदारी सिस्टम को खत्म करने के लिए कदम उठाया गया। इसके तहत हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएम) का गठन किया।


हालांकि, शुरुआत में विपक्षी दलों के अलावा विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने भी इसका विरोध किया। ठेकेदारों के माध्यम से विभागों व बोर्ड-निगमों में कार्यरत कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से कौशल रोजगार निगम के अधीन लाया गया। इतना ही नहीं, अब सरकार ने कांट्रेक्ट की भर्ती भी निगम के जरिये ही शुरू कर दी है। ठेकेदारों के जरिये लगने वाले कर्मचारियों की शिकायत रहती थी कि उन्हें वेतन समय पर नहीं मिलता, वेतन में कटौती भी होती है। साथ ही, उनके आरोप थे कि उन्हें ईएसआई और ईपीएफ का लाभ नहीं मिल रहा।


इन पर नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने निगम के गठन का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि लोकतंत्र में कर्मचारी सरकार चलाने के लिए अहम कड़ी होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए गत 9 वर्षों में सरकारी कर्मचारियों की नियमित भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से मैरिट आधार पर पूरा कर 1 लाख 10 हजार से अधिक युवाओं को नौकरियां दी हैं। लगभग 60 हजार से अधिक पदों की भर्ती प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। जिन विभागों में तत्काल कार्य बल की आवश्यकता है, उसे पूरा करने के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम एक अहम भूमिका निभा रहा है।


लगभग 20 दिनों में विभागों की आवश्यकता के अनुसार, कर्मचारियों को नौकरी के जॉब ऑफर लेटर जारी किए जाते हैं। उनका मानना है कि विश्व की युवा जनसंख्या का लगभग 40 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करने वाले भारत पर ग्लोबल नेतृत्व की निगाहें हैं। वे भारत के ब्रेन-ड्रेन को अपने देशों में लाने के लिए प्रयासरत हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा शक्ति को वर्ष 2047 तक विकसित भारत का एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना है। उन्होंने युवाओं से अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से इनोवेटिव आइडिया देने का आह्वान किया है।


पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के छात्रों में भी सीएम का क्रेज देखने को मिल रहा है। 9 वर्षों की सरकार की उपलब्धियों के पहली बार चंडीगढ़ के प्रमुख चौराहों व सार्वजनिक स्थानों पर डिजिटल बोर्ड लगे हैं। रोज गार्डन, आर्ट कालेज, रॉक गार्डन और सुखना लेक सहित कई जगहों पर शैक्षिक भ्रमण आने विद्यार्थी भी डिजिटल विज्ञापनों पर दर्शाए गए बिन पर्ची-बिन खर्ची योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी के बारे में गाइड से पूछते हैं।


मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंचों से पिछले 9 वर्षों से कहते आ रहे हैं कि जो काम संभव है, वे वहीं करते हैं। चाहे इसके लिए उन्हें पार्टी के नेताओं की नाराजगी भी क्यों न झेलनी पड़े। कई बार मुख्यमंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा उद्योगपतियों को भी दो-टूक जवाब देते सुनाई-दिखाई दिए हैं कि वह जमाना लद गया जब सफेदपोशों व बिचौलियों के माध्यम से मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगते थे। आज नागरिक की भी मुख्यमंत्री से पहुंच हुई है। सीएम विंडो व जन संवाद कार्यक्रम इस कड़ी में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अब तक 30 लाख से अधिक लोगों की मुख्यमंत्री सीधी पहुंच हुई है। सीएम विंडों पर आई शिकायतों में से 10 लाख से अधिक का निपटान हो चुका है। लोगों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।


हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी किए हैं, जिसमें उनसे ऑटो अपील सिस्टम (एएएस) पर उनके उप-भागों सहित सभी शेष अधिसूचित सेवाओं के लिए ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया गया है। इसका उद्देश्य निरंतर निगरानी सुनिश्चित करना है। हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग द्वारा शुरू की गई ऑटो अपील प्रणाली, उन मामलों में नागरिकों की ओर से स्वचालित रूप से अपील दायर करके संचालित होती है, जहां नामित अधिकारी निर्धारित समय सीमा के भीतर अधिसूचित सेवाएं प्रदान करने में विफल रहते हैं या वैध औचित्य के बिना आवेदनों को अस्वीकार करते हैं। ये अपीलें शिकायत निवारण प्रणाली के माध्यम से आगे बढ़ती हैं, यदि देरी या अस्वीकृति बनी रहती है तो आयोग के पास शिकायतें बढ़ जाती हैं। मुख्य सचिव ने उक्त निर्देश राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, परिवहन, गृह सहित कई विभागों के प्रशासनिक सचिवों को भेजे पत्र में दिए हैं।

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