Haryana News : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बुनियादी सुविधाओं की कमी वाले सरकारी स्कूलों के आंकड़ों पर शिक्षा विभाग पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए एक सप्ताह के भीतर योजना पेश करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि 131 स्कूलों में पीने का पानी नहीं है, 236 में बिजली कनेक्शन नहीं है, 538 लड़कियों के स्कूलों में शौचालय नहीं है और 1047 लड़कों के स्कूलों में शौचालय नहीं हैं।
हाईकोर्ट ने जुर्माने की रकम महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग में जमा कराने का आदेश दिया है। साथ ही शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और निदेशक को अगली सुनवाई पर उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
कैथल जिले के बालू स्कूल के छात्रों की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के बारे में जानकारी मांगी थी। जवाब में जो आंकड़े मिले वो चौंकाने वाले थे।
उनके मुताबिक राज्य के 131 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है। 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है। 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय नहीं हैं और 1047 स्कूलों में लड़कों के लिए अलग शौचालय नहीं हैं। इसके साथ ही बताया गया कि छात्रों के लिए 8240 क्लासरूम की जरूरत है।
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि एक तरफ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और खुले में शौच मुक्त भारत जैसे नारे दिए जा रहे हैं और दूसरी तरफ स्कूलों में शौचालय और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।
इन सुविधाओं के लिए स्कूली बच्चों को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। हाई कोर्ट में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, जहां हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शौचालय, पीने का पानी, बिजली कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, वहीं शिक्षा विभाग ने 10,675.99 करोड़ रुपये का अनुदान बिना इस्तेमाल किए सरकार को वापस भेज दिया।
हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार कोर्ट के सामने सिर्फ आंकड़ों का खेल खेल रही है। धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि एक तरफ भारत सरकार स्वच्छ भारत मिशन का नारा देकर हर घर में शौचालय उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में यह हाल है।
हरियाणा सरकार के रवैये की गंभीरता और हलफनामे में चौंकाने वाले आंकड़ों को देखते हुए हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए एक सप्ताह के भीतर योजना पेश करने का आदेश दिया है।
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