Haryana News : हरियाणा में कुंवारों ने बनाया अपना मंच, सीएम से की बड़ी मांग

चंडीगढ़। हरियाणा में इन दिनों एक मंच की काफी चर्चा हो रही है। दरअसल हरियाणा अविवाहितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में इस समस्या को देखते हुए हरियाणा में अविवाहित …

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चंडीगढ़। हरियाणा में इन दिनों एक मंच की काफी चर्चा हो रही है। दरअसल हरियाणा अविवाहितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में इस समस्या को देखते हुए हरियाणा में अविवाहित एकता मंच का गठन किया गया है। इस मंच की मांग है कि सरकार उन पर ध्यान दे और उनकी मांगें पूरी की जाये।


वीरेंद्र सांगवान को इस एकता मंच का प्रमुख बनाया गया है। उन्होंने बताया कि ''प्रदेश में उनके जैसे करीब 8 लाख युवा हैं जो इस समस्या से जूझ रहे हैं। समाज में हमें सही नजर से नहीं देखा जाता. लोग हम पर तरह-तरह के कमेंट्स करते हैं। लोग हमें गलत नाम से बुलाते हैं. इसके अलावा, गांव की स्थिति और भी खराब है।”


बेरोजगारी मुख्य समस्या है

वीरेंद्र सांगवान ने बताया, ''कुंवारा होने के कारण उन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है। साथ ही अगर वह दूसरे शहर में रहने चला जाए तो कोई उसे किराए पर घर भी नहीं देता। सरकार को उन्हें रोजगार मुहैया कराना चाहिए ताकि वे समाज में अहम भूमिका निभाकर अपना जीवन यापन कर सकें।”


अविवाहित एकता मंच की मुख्य मांगें क्या हैं?

वीरेंद्र सांगवान ने कहा कि अविवाहित एकता मंच की मुख्य मांग है कि एक आयोग का गठन किया जाए। प्रदेश में इनकी संख्या पता करने के लिए गणना कराई जाए। साथ ही रोजगार उपलब्ध कराने में भी सरकार पूरी मदद करे। सरकार द्वारा शुरू की गई उनकी 2750 रुपये की पेंशन को बढ़ाकर 5000 रुपये किया जाए।


वोट के आधार पर दिखाएंगे अपनी ताकत

वीरेंद्र सांगवान ने कहा, ''आने वाले 2024 के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में वोट के जरिए अपनी ताकत दिखाएंगे और सरकारों को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे।’’ उन्होंने कहा कि वह इसके लिए हर बूथ पर लड़ाई लड़ेंगे। 


वीरेंद्र ने कहा, ''पूरे राज्य में करीब 8 लाख ऐसे युवा हैं जिनका पूरे राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 60 सीटों पर प्रभाव है। गुरुग्राम, फरीदाबाद और नूंह को छोड़कर सभी जिलों में बड़ी संख्या में अविवाहित पुरुष हैं। हम हिसार और जींद में भी बड़ी रैली करेंगे।’’


मुख्यमंत्री उनका दर्द नहीं समझ रहे हैं

वीरेंद्र सांगवान ने कहा, ''हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद अविवाहित हैं, फिर भी उनका दर्द और उनकी मांगें नहीं सुनी जा रही हैं। उन्हें स्वयं इस पर संज्ञान लेना चाहिए और हमारी समस्याओं का समाधान कराना चाहिए।”

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