Naya Haryana News : किसान एक बार फिर सड़क पर उतरने की तैयारी कर चुके हैं। दरअसल सोमवार को उत्तर भारत के 18 किसान-मजदूर संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के बीच किसान भवन में बैठक हुई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि लंबित मांगों को लेकर 20 नवंबर को पंजाब और हरियाणा में जिला स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा और उपायुक्तों व एसडीएम से मुलाकात की जाएगी।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पंजाब और देश के किसानों के प्रमुख मुद्दों को सुलझाने और संगठनों की एकता को प्राथमिकता पर रखने के लिए किसान-मजदूर संगठनों के समन्वित कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं।
इसके तहत 20 नवंबर को पंजाब और हरियाणा में अहम मांगों को लेकर डीसी-एसडीएम दफ्तरों पर प्रदर्शन किया जाएगा। सरकारें किसान मजदूरों के खिलाफ नफरत और बदले की भावना से काम कर रही हैं।
पंधेर ने कहा कि बैठक में पराली जलाने पर ठोस समाधान देने, पराली जलाने पर पंपलेट और रेड नोटिस जारी करने, जुर्माना रद्द करने, पासपोर्ट रद्द करने, हथियार लाइसेंस रद्द करने, सब्सिडी और अन्य सरकारी सुविधाएं रद्द करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की हुई।
इसके साथ ही किसानों, मजदूरों और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं से जुड़े कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई। भारत माला परियोजना के तहत सड़कों के लिए भूमि अधिग्रहण रोकने की मांग की गई है। जो किसान अपनी सहमति से जमीन देना चाहते हैं उन्हें बाजार दर से 6 गुना मुआवजा दिया जाए।
संगठनों ने पंजाब और हरियाणा में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की भी मांग की है और यह भी मांग की है कि अगर नशे के ओवरडोज से किसी की मौत होती है तो इसकी सूचना इलाके के डीएसपी, एसएसपी को दी जाए।
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