Haryana News : हरियाणा की गठबंधन सरकार ने उन संपत्ति धारकों को विकास शुल्क वापस करने का निर्णय लिया है जिनकी संपत्ति पर विकास शुल्क लागू नहीं है, लेकिन उन्होंने इसका भुगतान कर दिया है। मामला संज्ञान में आने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है।
सरकार के इस फैसले से 1588 संपत्तियों के मालिकों को यह शुल्क वापस मिल जाएगा।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने इन संपत्ति धारकों की पहचान कर ली है। जहां संपत्ति मालिकों ने एचएसवीपी, एचएसआईआईडीसी, लाइसेंस कॉलोनियों, सीएलयू अर्जित संपत्तियों, लाल-डोरा आवासीय संपत्तियों और कृषि संपत्तियों में विकास शुल्क का भुगतान किया था।
विभाग की ओर से ऐसी संपत्तियों का ब्योरा संबंधित नगर पालिकाओं को मुहैया करा दिया गया है।
5.19 करोड़ रुपये लौटाए जाएंगे
इन संपत्ति धारकों को एसएमएस के माध्यम से यह भी सूचित किया गया है कि वे इस संबंध में निर्धारित प्रावधानों के तहत एनडीसी पोर्टल पर आवेदन करके भुगतान की गई विकास शुल्क की राशि प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे संपत्ति धारकों को कुल 5 करोड़ 19 लाख रुपये की राशि वापस की जा रही है।
उन्होंने संपत्ति मालिकों से https://ulbhryndc.org पर जाकर अपना संबंधित विवरण उपलब्ध कराने का आग्रह किया ताकि विभाग द्वारा इस संबंध में आगे की कार्रवाई की जा सके।
अब तक 51 लोगों ने आवेदन किया
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब तक 51 संपत्ति धारकों ने एनडीसी पोर्टल पर अपने आवेदन जमा करा दिए हैं। इन आवेदनों पर जल्द ही कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने कहा कि संबंधित कर्मचारियों को इस संबंध में प्रशिक्षण भी दिया गया है ताकि वे संपत्ति धारकों को विकास शुल्क वापस करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कर सकें।
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